जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका को औचित्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस को एफ़आइआर दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के ख़िलाफ़ गठित इन-हाउस इंक्वायरी कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि जब जस्टिस वर्मा के खिलाफ इन-हाउस इंक्वायरी कमेटी जांच कर रही है तो ऐसे समय जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफ़आइआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने का कोई औचित्य नहीं बनता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के ‘स्तन छूना बलात्कार नहीं’ वाले फैसले पर लगाई रोक, कहा- असंवेदनशील टिप्पणी
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें हाईकोर्ट के जज ने टिप्पणी की थी कि केवल स्तन पकड़ना और पायजामा का नाड़ा खींचना बलात्कार का अपराध नहीं है। इस पर जस्टिस बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में की गई कुछ टिप्पणियां असंवेदनशील और अमानवीय थीं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और यूपी सरकार से भी जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने घरों पर बुलडोज़र चलाने पर फिर लगाई यूपी सरकार की फटकार
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना घरों पर बुलडोजर चलाने पर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने वकील, प्रोफेसर सहित उन लोगों को फिर से घर बनाने की अनुमति दी, जिनके घर तोड़े गए थे।
दिल्ली हाईकोर्ट जज यशवंत वर्मा के घर मिला नोटों का अंबार, घर में लगी आग के बाद मिली रकम
- महेश गुप्ता
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित घर में आग लगने पर भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया है। इस घटना ने न्यायपालिका की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस जोयमाला बागची सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त
- महेश गुप्ता
नई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस जोयमाला बागची सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 6 मार्च को उनके नाम की सिफारिश भेजी थी. अब राष्ट्रपति ने इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट के जजों के मौजूद वरिष्ठता क्रम के हिसाब से भविष्य में जस्टिस बागची देश के चीफ जस्टिस बनेंगे
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत पहुंचे केन्या
- महेश गुप्ता
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत दो देशों के सर्वोच्च न्यायालयों के बीच एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम के लिए केन्या में हैं। 7 मार्च से 15 मार्च तक आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम का विषय न्याय वितरण और न्यायिक प्रणाली के भीतर प्रौद्योगिकी को अपनाना है। जस्टिस गवई दोनों सर्वोच्च न्यायालयों के बीच सहयोग के संभावित तरीकों पर चर्चा में भाग लेंगे।
विवाह का विरोध करना आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी के विवाह का विरोध करना आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं माना जा सकता है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह फैसला उस महिला के खिलाफ चार्जशीट को खारिज करते हुए दिया, जो अपनी बहू द्वारा आत्महत्या करने के मामले में आरोपी थी। आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 306 के अंतर्गत आता है जोकि नए कानून में अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के तहत अपराध है।
सुप्रीम कोर्ट ने सस्ता किया नारियल का तेल, 15 साल लगे फ़ैसला सुनाने में
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने नारियल तेल को महंगा होने से रोक दिया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की तीन जजों की बेंच ने ये बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि छोटे पैकेट में नारियल तेल को खाद्य तेल के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, इस फैसले से साफ है कि ऐसे में हेयर ऑयल पर लगने वाला 18% फीसदी टैक्स नहीं, बल्कि खाद्य तेल पर लगने वाला 5% टैक्स लगेगा।
'बलात्कार नहीं है शादी का वायदा करके बनाया गया शारीरिक संबंध'
- महेश गुप्ता
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शादी करने के वायदे से पीछे हटना हर मामले में रेप नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही रेप के एक मामले में 10 साल कैद की सजा पाए आरोपी को बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले को शादी का झूठा वादा कर रेप करने का मामला मानकर आरोपी को सजा देना मूर्खता होगी।
स्कूलों में कानूनी शिक्षा हो अनिवार्य! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
- महेश गुप्ता