कोरोना काल में समाधान, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ खुद टाइप कर रहे ऑर्डर
- Mahesh Gupta
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Justice D Y Chandrachud) कोर्ट में मामलों की सुनवाई के दौरान अपने ऑर्डर स्टेनो को लिखवाकर उनसे टाइप करवाने की बजाय खुद अपने लेपटोप पर टाइप करते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ का कहना है कि अपना आदेश खुद टाइप करने से आदेश और बेहतर व भाषा में गलती रहित होता है
एडवोकेट पॉलोमी पाविनी शुक्ला "फेमिना" की "Fab 40" सूची में शामिल
- अमरजीत सिंह माकन
लखनऊ की पॉलोमी पाविनी शुक्ला को विख्यात पत्रिका "फेमिना" ने अपनी "Fab 40" सूची में शामिल कर सम्मानित किया
विख्यात पत्रिका "फेमिना" ने अपने नवीनतम संस्करण में वर्ष 2021 की 40 ऐसी महिलाओं की सूची जारी की है जिन्होंने अपने क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देते हुए लाखों लोगों को प्रेरित किया है जिसमें लखनऊ की पॉलोमी पाविनी शुक्ला भी शामिल की गई हैं।
Delay in justice causes anxiety, unrest and rebellion among masses : Chief Justice S A Bobde
- Mahesh Gupta
Amid the ongoing debate over the hanging of Nirbhaya gangrape convicts, Chief Justice of India Justice S A Bobde on December 18, 2019 registered a suo motu writ and issued notice to Centre and state governments, saying that the existing legal framework and ways of police action should be strengthened and made answerable to ensure speedy justices to the victims of sexual offences.
सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग की माँग को लेकर वकीलों का प्रदर्शन
- Kanoon Live
सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग यानि मामलों की सुनवाई खुली अदालत में शुरू करने और वकीलों के सुनवाई में पेश होने की माँग को लेकर वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया, इसमें युवा वकीलों की संख्या अधिक रही जिन्होंने अपना दर्द सुनाया कि कोरोना के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग शुरू न करने पर युवा वकीलों की आर्थिक स्थिति और ख़राब होती जा रही है, बेरोज़गारी लगातार बढ़ती जा रही है।
किसानों की टैक्ट्रर परेड में हिंसा पर पुलिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर
- महेश गुप्ता
कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के दौरान बिगड़ी स्थिति को नियंत्रण करने और इंटेलिजेंस की विफलता का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायिर की गई है। इस याचिका से पहले भी हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका दाखिल हो चुकी है जिसमें आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली की सीमाओं से और स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को पद से हटाने की मांग की गई है। याचिका पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को एक एनजीओ ‘दिल्ली सिटिजन फॉरम फॉर सिविल राइट’ ने यह याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा है कि गणतंत्र दिवस सभी देशवासियों के लिए गर्व का दिन होता है, लेकिन उस दिन हुई हिंसा से लोगों में भय व्याप्त हो गया। इस हिंसा के लिए गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया है। याचिका में कहा गया है कि करीब दो माह से चल रहे किसानों के आंदोलन को दिल्ली पुलिस ने 25 जनवरी को एक हजार ट्रैक्टर को परेड की इजाजत दे दी थी, जबकि हर जगह यह खबर चल रही थी कि दिल्ली की सीमाओं पर 50 हजार से अधिक ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए आ चुके हैं। याचिका में कहा गया है कि 26 जनवरी की सुबह 7 बजे ही न्यूज चैनलों पर खबर आई गई थी कि किसानों के एक गुट ने ट्रैक्टर परेड को दोपहर 12 बजे के बजाए सुबह से शुरू कर दिया था।
याचिका में कहा है कि इतनी सूचनाएं होने के बाद भी दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस ने समय रहते कदम नहीं उठाया। दिल्ली पुलिस की विफलता के कारण हजारों ट्रैक्टर दिल्ली में लाल किला तक पहुंत गए और वहां पर न सिर्फ उपद्रव मचाया, बल्कि धार्मिक झंडे को भी फहराया। याचिका में इसके लिए गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही इसके लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में अधिकारियों की इस घटना के लिए जवाबदेही तय करने की भी मांग की गई है।
TRP धांधली : रिपब्लिक टीवी के सीईओ से मुंबई क्राइम ब्रांच ने की पूछताछ
- Kanoon Live
TRP रेटिंग धांधली में रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास खनचंदानी से रविवार को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की। इससे पहले मुंबई पुलिस ने विकास खनचंदानी को पूछताछ के लिए समन जारी कर तलब किया था। इसी सिलसिले में वह आज मुंबई क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे थे। वहीं रिपब्लिक टीवी के सीएफओ शिव सुब्रमण्यम सुंदरम ने पुलिस के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा है
संपत्ति का अधिकार एक मूल्यवान संवैधानिक अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि संपत्ति का अधिकार एक मूल्यवान संवैधानिक अधिकार है।सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े बेंगलूरू राज्य के 33 साल पुराने मामले में मालिक को उसकी जमीन वापस दिलवाई है। सुप्रीमकोर्ट ने तीन महीने में केंद्र सरकार को जमीन वापस करने के आदेश दिए है। कोर्ट ने कहा कि सरका यह नहीं कह सकती कि उन्हें किसी भी कानून के बिना किसी की संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार है। किसी भी कानून के बिना सरकार को किसी संपत्ति पर अधिकार जारी रखने की अनुमति देना अराजकता को माफ करने जैसा है। अदालत की भूमिका लोगों की स्वतंत्रता की सुरक्षा करने और चौकन्ने रक्षक के रूप में कार्य करने की है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एस.रवींद्र भट ने ये फैसला सुनाया।
टीवी कॉमेडियन भारती और पति हर्ष को अदालत ने 4 दिसंबर तक जेल भेजा
- Kanoon Live
पति-पत्नी को गाँजा रखने पर गिरफ़्तार किया था एनसीबी ने, ज़मानत अर्ज़ी पर सोमवार को होगी सुनवाई
ड्रग्स मामले में गिरफ़्तार टीवी कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिंबाचिया को रविवार को मुंबई की अदालत ने 4 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया। घर से गांजा बरामद होने पर रविवार को भारती सिंह और उनके पति हर्ष को मुंबई की अदालत में पेश किया गया था।एनसीबी ने हर्ष लिंबाचिया को रविवार सुबह गिरफ्तार किया था जबकि भारती को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
टीवी कॉमेडियन भारती सिंह और पति गिरफ़्तार
- Kanoon Live
बॉलीवुड में ड्रग्स के खिलाफ जारी एनसीबी की जांच की आंच में अब कॉमेडियन भारती सिंह भी घिर गई जिन्हें को गिरफ्तार किया गया, इसके बाद उनके पति हर्ष लिंबाचिया को भी गिरफ्तार कर लिया। एनसीबी ने भारती सिंह के उपनगरीय इलाके अंधेरी में उनके घर से गांजा बरामद होने के बाद गिरफ्तार कर किया। पति हर्ष लिंबाचिया की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ ड्रग्स सेवन करने के आरोप लगे हैं।
हरिद्वार में सरकारी ज़मीन पर बने धार्मिक स्थल हटेंगे
- Kanoon Live
उत्तराखंड के हरिद्वार में सरकारी ज़मीन पर बने धार्मिक स्थलों को हटाने का मामला...सुप्रीम कोर्ट ने बाकी बचे चार धार्मिक स्थलों को हटाने के लिये 31मई 2021 तक का समय दिया ... उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए ये आदेश दिया था कि हरिद्वार में सार्वजनिक स्थलों पर बने इन धार्मिक स्थलों को हटाया जाए।राज्य सरकार के आगामी कुंभ मेले को देखते हुए समय की मांग की थी।