भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर का विस्तार नागरिकों के लिहाज से न्याय के लिए क्षमता निर्माण के अलावा न्याय के सिद्धांतों एवं कानून व्यवस्था को लेकर सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सुप्रीम कोर्ट परिसर के विस्तार के लिए आयोजित समारोह में चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह जगह का विस्तार नहीं, बल्कि समयबद्ध और गरिमापूर्ण तरीके से न्याय देने की क्षमताओं का विस्तार करना है। उन्होंने कहा, 'आज, हम अपनी न्याय प्रणाली के भविष्य की आधारशिला रख रहे हैं। एक ऐसा भविष्य जो प्रगति, पहुंच और आधुनिकता का वादा करता है। जैसे-जैसे राष्ट्र विकसित होता है, वैसे-वैसे हमारी कानूनी प्रणाली को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।'
सीजेआई के अलावा, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और बीआर गवई ने भी सभा को संबोधित किया।
चीफ़ जस्टिस ने कहा कि शीर्ष अदालत का विस्तार बढ़ते मामलों के बोझ, नई न्यायिक शाखाओं और न्यायाधीशों, वकीलों तथा नागरिकों की जरूरतों को देखते हुए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मूल संरचना ऐसी ही रहेगी, वहीं परिसर का अन्यत्र विस्तार नई आधुनिक सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा।