भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने न्यायपालिका की ईमानदारी और स्वतंत्रता पर उठते सवालों को काफी गंभीरता से लिया है और रिटायरमेंट के बाद कोई सरकारी पद न लेने का भी फैसला किया है। चीफ जस्टिस ने कॉलेजियम सिस्टम की खामियां भी स्वीकार की है। चीफ जस्टिस बीआर गवई का मानना है कि रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जज अगर सरकारी पद स्वीकार करते हैं, या सत्ता में आने के लिए चुनाव लड़ते हैं, तो इससे लोगों के बीच गलत संदेश जाता है, और जनता का न्यायपालिका पर बना भरोसा उठ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की तरफ से भेजी गई सिफारिशों को राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। जिन 3 जजों की नियुक्ति को मंजूरी मिली है उनमें दो अलग-अलग हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं, जबकि एक हाई कोर्ट के वरिष्ठ जज हैं- जस्टिस एन वी अंजारिया, चीफ जस्टिस, बॉम्बे हाई कोर्ट (मूल हाई कोर्ट, गुजरात) जस्टिस विजय बिश्नोई, चीफ जस्टिस, गौहाटी हाई कोर्ट (मूल हाई कोर्ट, राजस्थान) जस्टिस ए एस चंदुरकर, बॉम्बे हाई कोर्ट।

 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय वायुसेना को आदेश दिया है कि वे आपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा रही भारतीय वायुसेना की महिला अधिकारी निकिता पांडे को अभी नौकरी से मुक्त नहीं करें, जिन्हें स्थायी कमीशन से वंचित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने वायुसेना को एक पेशेवर बल बताते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों के लिए सेवा में अनिश्चितता उचित नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र और वायुसेना से जवाब मांगा है।


सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शरणार्थियों को लेकर अहम टिप्पणी की।सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘भारत कोई धर्मशाला नहीं है’ और ‘हम दुनिया भर से आए शरणार्थियों को शरण क्यों दें।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम खुद 140 करोड़ लोगों के साथ संघर्ष कर रहे है और हर जगह से आए शरणार्थियों को शरण देना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने यह टिप्पणी की।


सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शरणार्थियों को लेकर अहम टिप्पणी की।सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘भारत कोई धर्मशाला नहीं है’ और ‘हम दुनिया भर से आए शरणार्थियों को शरण क्यों दें।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम खुद 140 करोड़ लोगों के साथ संघर्ष कर रहे है और हर जगह से आए शरणार्थियों को शरण देना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने यह टिप्पणी की।

 

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की ओर से नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई को सम्मानित किया गया। BCI के समारोह में चीफ जस्टिस बीआर गवई ने न्यायाधीशों को सामाजिक वास्तविकताओं को समझने और उन पर प्रतिक्रिया देने की अहम भूमिका पर जोर दिया। जस्टिस गवई ने कहा कि आज का न्यायपालिका केवल कानूनी मामलों को काले-सफेद नजरिए से नहीं देख सकता, बल्कि मानवीय अनुभवों की जटिलताओं को भी ध्यान में रखना होगा।

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई Justice BR Gavai को भारत का मुख्य न्यायाधीश Chief Justice of India का पदभार ग्रहण कराया। जस्टिस गवई ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना का स्थान लिया है। जस्टिस बीआर गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं। जस्टिस के तौर पर जस्टिस गवई ने हिंदी में शपथ ली। उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक रहेगा, जो 23 नवंबर 2025 को पूरा होगा।

 
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर लगी आग के दौरान नकदी मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों को सही माना है. जस्टिस वर्मा को अपना जवाब देने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। चीफ जस्टिस ने उन्हें इस्तीफा देने का विकल्प दिया है।

 

हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में अधजले नोट की बरामदगी के आरोपों की आंतरिक जांच करने वाली तीन जजों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंप दी है।

 

केंद्रीय जांच एजेंसियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक अनूठा मामला सामने आया है जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के तीन अधिकारियों को सीबीआई की ही हिरासत में ही भेज दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि इस घटना से उस तंत्र की नींव हिल गई है, जिसका प्राथमिक कर्तव्य अपराधियों को सजा दिलाना था।

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