सेशन कोर्ट ने 13 दिन में सुनाई थी फांसी की सजा, अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बदलकर दिया, 20 साल जेल में काटने होगें दोषी को।

सुप्रीम कोर्ट ने ग्वालियर में जुलाई 2018 में हुए नाबालिग लड़की के अपहरण, हत्या और बलात्कार के एक मामले में दोषी की सजा में बड़ा बदलाव किया है। दोषी को जिला एवं सत्र न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी, वहीं हाईकोर्ट ने भी यही सजा बरकरार रखी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाया है।

 

जस्टिस संजीव खन्ना ने आज राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें चीफ़ जस्टिस के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने उनको पद की शपथ दिलाई। इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हुए थे। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर को 65 साल की उम्र में चीफ़ जस्टिस के पद से रिटायर हुए। 14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की थी। जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई 2025 तक 6 चीफ़ जस्टिस के रूप में देश की न्यायपालिका का नेतृत्व करेंगे।

 

नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, इसका फैसला तीन जजों की संविधान पीठ करेगी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े मामले को नई पीठ के पास भेज दिया। शीर्ष अदालत ने 1967 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसे केंद्रीय कानून के तहत बनाया गया था।

 

Chief Justice of India Justice Dr. DY Chandrachud inaugurates National Judicial Museum and Archive in SCSpeaking on the occasion, the Chief Justice said the new museum reflects the ethos of the Supreme Court and its importance for the nation. He said he would want the museum to become an interactive space for the younger generation. "You want to have younger children from schools and colleges, citizens who are not necessarily lawyers and judges to come here and breathe the air we breathe every day in the Court to bring a live experience to them of the importance of the rule of law and the work which all of us as judges and lawyers do," 

 

सुप्रीम कोर्ट ने चार पहिया वाहन के ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर वाहन चालकों के पक्ष में फैसला सुनाया है, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 2017 के अपने फैसले को बरकार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लाइट मोटर व्हीकल यानी (LMV) लाइसेंस धारक भी हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं. ऐसे लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम से कम वजन के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं।


हेट स्पीच गंभीर अपराध है जो देश के धार्मिक तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नफरत भरे भाषणों पर सख्ती दिखाई है. हेट स्पीच के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भले भी किसी के द्वारा शिकायत दर्ज की गई हो, या नहीं की गई हो, लेकिन प्रशासन को मामला दर्ज करना ही है.

जस्टिस के एम जोसफ और बी वी नागरत्ना की बेंच ने नफरत फैलाने वाले भाषणों को ‘‘गंभीर अपराध बताया जो देश के धार्मिक तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं.’’ पीठ ने कहा कि उसका 21 अक्टूबर, 2022 का आदेश सभी क्षेत्रों के लिए प्रभावी रहेगा. साथ ही चेतावनी दी कि मामले दर्ज करने में किसी भी देरी को अदालत की अवमानना माना जाएगा.

 

डा. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का भारत के चीफ़ जस्टिस बनने के बाद से सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर तक 6,844 मामलों का निपटारा किया है। गत 9 नवंबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था। जस्टिस चंद्रचूड़ के कार्यभार संभालने के बाद 9 नवंबर से 16 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट में 5,898 नए मामले आए, जबकि निपटारा 6,844 मामलों का किया गया है।

Chief Justice of India, Dr. Justice D.Y. Chandrachud inaugurated the new 'S Block' building of the High Court of Delhi. The new building will be housing Delhi International Arbitration Centre, a Judicial Convention Centre, a 285-seater auditorium, 200 lawyers chambers, a lawyers cafeteria and administrative offices. It also has a parking facility across 3 basements.

Speaking at the inauguration of new building, Dr. Justice D.Y. Chandrachud said India also survives much beyond the capital and the country needs to focus its attention on the district judiciary as it moves forward.

CJI Chandrachud said that an important component of actualising the right to justice is ensuring that the country has adequate judicial infrastructure, including physical and digital infrastructure and personnel strength.

Dr. Justice Chandrachud said that the court complexes built during the colonial times were used to create an imposing effect over the public, restricting the access to an exclusive few.
CJI Chandrachud said “The architecture of our buildings was intended to produce a sense of fear and awe and the divide between those who dispense justice and those to whom justice was delivered, was intended to create the sense of fear and awe in the consumers of justice."

CJI Dr. Chandrachud said, "Once again, I extend my wholehearted congratulations to the Chief Justice of the Delhi High Court Justice Satish Chandra Sharma, to everyone in the Buildings Committee, and all of you who have collaborated together to produce this architectural marvel. This couldn't have been possible, except for the dedicated effort of all the labourers who strove to achieve what they have achieved in terms of a modern building for the future."

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन RTI पोर्टल की शुरुआत कर दी है। अब सूचना अधिकार कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट से जानकारी पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

 

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने देश के 50वें चीफ़ जस्टिस के तौर पर पदभार ग्रहण किया। बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस चंद्रचूड़ को देश के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण कराई। शपथ ग्रहण के बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। हम भारत के सभी नागरिकों के हितों की रक्षा करेंगे, चाहे वह तकनीक हो, रजिस्ट्री सुधार हो या न्यायिक सुधारों के मामले में हों।

Go to top

Powered by Rajmangal Associates P. Ltd.