जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली है। हरियाणा के हिसार में जन्मे, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद पर पहुंचने वाले राज्य के पहले व्यक्ति हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई, और उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक 15 महीने का होगा। उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की और कई महत्वपूर्ण फैसलों से जुड़ी बेंच का हिस्सा रहे हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट में घरेलू हवाई यात्रा के बढ़ते किरायों और एयरलाइंस की मनमानी के खिलाफ दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार और डीजी सिविल एविएशन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड में आरोपी सुरेंद्र कोली की सजा को रद्द कर दिया। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कोली द्वारा दायर क्युरेटिव याचिका को स्वीकार कर लिया। यह याचिका 2011 के उस फैसले के खिलाफ थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को बरकरार रखा था

 

दिल्ली उच्च न्यायालय में तीन नए न्यायाधीश नियुक्त: केंद्र सरकार ने 14 अक्टूबर के अपने आदेश के माध्यम से राजस्थान उच्च न्यायालय से न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन और केरल उच्च न्यायालय से न्यायमूर्ति सी.एस. सुधा के दिल्ली स्थानांतरण की पुष्टि की। मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीशों को शपथ दिलाई गई, जिससे यहाँ न्यायाधीशों की कुल संख्या 44 हो गई।


हरियाणा के एक छोटे से गांव से निकलकर जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे और 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर रहेंगे। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले वे देश के पहले हरियाणवी चीफ जस्टिस होंगे। जस्टिस सूर्यकांत का सफर युवाओं के लिए प्रेरणा है।

 

चीफ जस्टिस बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर पर अवमानना का मुकदमा चलेगा, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में दी। अटॉर्नी जनरल ने वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने 2020 के बाद दिवाली पर पहली बार दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को पटाखे फोड़ने की मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की अपील को मंजूर करते हुए 18 से 21 अक्टूबर के बीच ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की छूट दे दी है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर आईपीसी की धारा 498A जो कि अब भारत न्याय संहिता की धारा 84 है, इसके दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताई है। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने कहा कि पति और सास अक्सर ऐसी झूठी शिकायतों के डर में रहते हैं। मामला शादी के बाद डेढ़ महीने के अंदर पत्नी द्वारा पति और सास पर दर्ज कराई गई शिकायत का था।

 

उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनावों में दोहरी मतदाता सूची के मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर चुनाव आयोग की याचिका को खारिज कर दिया और चुनाव आयोग पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। चुनाव आयोग पर आरोप है कि उसने नियमों की अनदेखी कर दोहरी मतदाता सूची वाले लोगों को पंचायत चुनाव लड़ने की इजाजत दी थी।

 

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानि कि SIR मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बिहार में चल रहे इस SIR के दौरान चुनाव आयोग की ओर से किसी भी तरह की गैरकानूनी प्रक्रिया अपनाई गई है, तो पूरा SIR को रद्द किया जा सकता है।कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई और अंतिम बहस के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय की है।

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