उमर खालिद का भाषण अप्रिय और प्रथम दृष्टया स्वीकार्य नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अप्रिय और प्रथम दृष्टया स्वीकार्य नहीं था। ख़ालिद का यह भाषण फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश के लिए उसके खिलाफ आपराधिक मामले का आधार बनता है।
नीट एमडीएस NEET MDS 2021 की काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
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सुप्रीम कोर्ट ने नीट एमडीएस NEET MDS 2021 की काउंसलिंग पर रोक लगा दी है. 24 अक्टूबर से शुरू होकर 29 अक्टूबर को समाप्त होने वाली काउंसलिंग के लिए पूर्ण कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में दोबारा फ़िज़िकल सुनवाई शुरू, वकीलों में ख़ुशी की लहर
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार से दोबारा फ़िज़िकल सुनवाई एवं व्यक्तिगत उपस्थिति में सुनवाई की शुरुआत हो गई है। कोरोना संकट के कारण मार्च 2020 से सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई नहीं हो रही थी।
सुप्रीम कोर्ट में पहली बार एक साथ 9 जजों की नियुक्ति, इनमें 3 महिला जज भी शामिल
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट में 9 नए जजों ने पदभार संभाल लिया है। मंगलवार को चीफ जस्टिस एन वी रमना ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट जज के पद की शपथ दिलाई। इनमें जज विभिन्न 8 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस या जज थे। इनके अलावा एक वरिष्ठ वकील भी वकालत से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए हैं।
जहांगीर पुरी में बुलडोज़र अभियान पर सुप्रीम रोक
- महेश गुप्ता
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाक़े में अतिक्रमण रोधी बुलडोज़र अभियान पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जमीअत उलेमा-ए-हिन्द की याचिका पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम और अन्य को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
अब समय आ गया है कि क़ानून में राजद्रोह की परिभाषा तय की जाए: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब समय आ गया है कि क़ानून में राजद्रोह की व्याख्या तय की जाए। मतलब यह कि सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि सरकार द्वारा बात बात में राजद्रोह का मामला लगाना गलत है। राजद्रोह उन्हीं मामलों में लगाया जाना चाहिए जिनमें वाकई सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए हिंसात्मक तरीके से की गई कोशिश हो।आंध्र प्रदेश के दो टीवी चैनलों पर राजद्रोह का मामला लगाए जाने के बाद इससे जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने आदेश जारी कर कहा कि इन चैनलों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार से फ़िज़िकल सुनवाई शुरू
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सुप्रीम कोर्ट में सोमवार से फ़िज़िकल सुनवाई शुरू हो जाएगी। भारत के चीफ़ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 4 अप्रैल से फुल फिजिकल सुनवाई शुरू करेगा। चीफ़ जस्टिस एन वी रमना ने कहा, "सोमवार से ओपनिंग करते हुए हम फिजिकल सुनवाई शुरू कर रहे हैं। सोमवार और शुक्रवार को हम एडवोकेट्स को वर्चुअल हियरिंग मुहैया कराएंगे।" फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विविध दिनों सोमवार और शुक्रवार को पूरी तरह से वर्चुअल सुनवाई होती है। अन्य दिनों में सुनवाई फिजिकल रूप में होती है। इसमें वकीलों के लिए वर्चुअल विकल्प उपलब्ध होता है।
दिल्ली में सभी अस्पतालों को लगाने होंगे अपने ऑक्सीजन प्लांट : दिल्ली हाईकोर्ट
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कोरोना संकट काल में कड़वे अनुभवों से हमें सीख लेनी चाहिए : दिल्ली हाईकोर्ट
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका मद्देनजर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में सभी अस्पताल और नर्सिंग होम को अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने से अधिक बेड वाले सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को अपनी सामान्य जरूरत से दो गुणा अधिक क्षमता का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कहा है, जबकि 50 से 100 बेड वाले अस्पतालों को अपनी नियमित जरूरत के मुताबिक़ अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया है।
डॉक्टरों को उपहारों से महंगी हो रही दवाइयां: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को तोहफे देकर दवाओं की बिक्री बढ़वाने के खेल को गैरकानूनी करार दिया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दवा निर्माण करने वाली फार्मा कंपनियों की ओर से डॉक्टरों को दिए जाने वाले उपहार मुफ्त नहीं होते हैं, जिनका दुष्परिणाम दवा की कीमत में बढोतरी के रूप में सामने आता है, जिससे एक खतरनाक सार्वजनिक कुचक्र बन जाता है। सुप्रीम कोर्ट यह टिप्पणियां करते हुए फार्मा कंपनियों के डाक्टरों को मुफ्त उपहार देने के खर्च को आयकर में छूट देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
कोरोना बढ़ाने में सरकारें भी काफी जिम्मेदार: दिल्ली हाईकोर्ट
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कोरोना संकट पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना को बढ़ाने में सरकारें भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि कोरोना के हालात बिगड़ने में सरकारों की भूमिका भी जिम्मेदार हैं, कहा कि कभी चुनाव, तो कभी कुंभ के मेले होते रहे। हाई कोर्ट ने ये टिप्पणी तब की जब एक वकील ने कोर्ट में कहा कि हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि हमने भी सावधानी बरतनी कम कर दी थी।