AAP सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत
- महेश गुप्ता
दिल्ली शराब कथित घोटाला मामले में आम आदमीं पार्टी के नेता संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से 6 महीने के बाद अब जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगा और इस जमानत को मिसाल नहीं माना जाएगा. ईडी ने भी जमानत का विरोध नहीं किया और कहा कि उन्हें जमानत दी जा सकती है। अब संजय सिंह राजनीतिक गतिविधियां कर सकेंगे।
पौलोमी पाविनी शुक्ला Forbes 30 Under 30 सूची में शामिल
- Kanoon Live
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पौलोमी पाविनी शुक्ला को *फोर्ब्स* ने भारत की 30 Under 30 सूची में सम्मिलित कर सम्मानित किया है। विश्व विख्यात फोर्ब्स पत्रिका प्रति वर्ष 30 ऐसे व्यक्तियों की सूची जारी करती है, जो 30 वर्ष की आयु से कम हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण कार्य किया है।
एडवोकेट पौलोमी पाविनी शुक्ला को अनाथ बच्चों की शिक्षा में सराहनीय योगदान के लिए फोर्ब्स पत्रिका ने वर्ष 2021 की अपनी 30 Under 30 सूची में सम्मिलित किया है।
पौलोमी ने भारत में अनाथ बच्चों की दुर्दशा पर वर्ष 2015 में _"Weakest on Earth - Orphans of India"_ पुस्तक लिखी, जो विख्यात प्रकाशन संस्थान Bloomsbury द्वारा प्रकाशित की गई। इसके बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट में अनाथ बच्चों के लिए जनहित याचिका भी दायर की। अपनी पुस्तक तथा जनहित याचिका के माध्यम से इनके द्वारा अनाथ बच्चों को शिक्षा तथा अन्य सुविधाओं में समान अवसर दिलवाने हेतु कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है। इनके इस कार्य से कई राज्यों में अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए अनेक कदम उठाए गए, जिसके लिए पौलोमी पाविनी शुक्ला को कई राज्यों में सम्मानित भी किया जा चुका है।
Delhi High Court hosts 4th Edition of WIPO Master Class
- Mahesh Gupta
The Delhi High Court proudly hosts the 4th Edition of the World Intellectual Property Organization (WIPO) Master Class from March 7th to 9th, 2023. In collaboration with WIPO, this three-day event brings together esteemed judges from over 20 jurisdictions worldwide including The United States of America, United Kingdom, Germany, Singapore, Australia and many more. The WIPO Master Class has been conducted three times in the past, in Munich, Germany; Washington DC, USA and Beijing, China.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 71 साल पूरे किए
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक मूल्यों और न्याय के नियमों को बनाए रखते हुए वह नागरिकों के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहा है
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी को अपने कार्य संचालन के 71 साल पूरे किए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों तक निर्बाध और समयबद्ध तरीके से न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी और अप्रत्याशित चुनौती का सामना करना पड़ा है।
28 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस अवसर पर जारी आधिकारिक बयान में कहा कि वह सांविधानिक मूल्यों और न्याय के नियमों को बनाए रखते हुए वह नागरिकों के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहा है।
बयान में सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि कोरोना काल के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुप्रीम कोर्ट ने 43,713 मामलों की सुनवाई की। इस बीच 23 मार्च से 31 दिसंबर 2020 तक सवा नौ माह की अवधि के दौरान जजों की 1998 बेंच बैठीं ताकि वर्चुअल माध्यम से मामलों की सुनवाई की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में 231 दिनों के लिए कार्य किया जिसमें 13 दिन छुट्टियों के थे। पिछले तीन वर्षों में औसतन 268 दिनों की तुलना में रजिस्ट्री 271 दिनों तक कामकाज करती रही। इसमें कहा गया है कि तकनीकी बाधाओं और कम कार्यबल जैसी चुनौतियों के बावजूद कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया।
कोरोना काल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के 408 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए, जिनमें एक का निधन हो गया था। हालांकि 99 प्रतिशत पॉजिटिव पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के मामले कोरोना के लक्षण रहित या हल्के लक्षणों वाले थे।
सुप्रीम कोर्ट ने डीके शिवकुमार के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग मामला किया ख़ारिज
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को बड़ी राहत दी है, सुप्रीम कोर्ट ने डीके शिवकुमार के खिलाफ 2018 में दर्ज मनी लांड्रिंग मामले को निरस्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपराधिक साजिश यानी IPC की धारा 120B के आरोप में अगर किसी एजेंसी ने किसी को आरोपी बनाया हो, तो यह ED की तरफ से PMLA का मुकदमा दर्ज करने के लिए पर्याप्त नहीं है। अगर PMLA कानून में दिए गए अपराध की साजिश में कोई शामिल रहा हो, तभी मुकदमा चल सकता है।
किसानों की माँगे जायज़ हैं, जेल में डालना ग़लत : दिल्ली सरकार
- महेश गुप्ता
दिल्ली सरकार किसानों के समर्थन में खड़ी हो गई है। दिल्ली सरकार ने किसानों की माँगों को जायज़ बताया है और कहा हैं कि अगर पुलिस किसानों के जेलों में डालती है तो यह कहीं से भी सहीं नहीं ठहराया जा सकता है।
जगन्नाथ विश्व लॉ कॉलेज में फ्री डेंटल चेकअप कैंप आयोजित
- Kanoon Live
देहरादून। जेवीसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन (JVC Group of Institutions) के लाल टप्पर जिला देहरादून स्थित जगन्नाथ विश्व लॉ कॉलेज में फ्री डेंटल चेकअप कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप में डाक्टरों ने कॉलेज के छात्रों के दाँतों का चेकअप किया, इसके अलावा स्थानीय ग्रामीण भी इस आयोजन में शामिल हुए।
दिल्ली के हर जिले में 'मानवाधिकार अदालत' बनेगी, अधिसूचना जारी
- रमन शर्मा
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रत्येक जिले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-02 की अदालत को मानवाधिकार अदालत के रूप में नामित करने की अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 30 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुपालन में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सहमति से दिल्ली के राष्ट्रीय स्वयं निर्वाचन आयोग के उपराज्यपाल ने प्रत्येक जिले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-02 की अदालत को मानवाधिकार न्यायालय के रूप में नामित किया गया है।
Delhi Government sanctions Rs. 35 crore for Advocate’s Medical Insurance
- Mahesh Gupta
Delhi Government sanctions Rs. 35 crore towards the payment of medical insurance premium amount for for 29,077 advocates under CM Advocates' Welfare Scheme, payment will be made to New India Assurance for group medi-claim insurance.
सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़े सभी के लिए हमेशा खुले हैं : चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़
- महेश गुप्ता
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा 'मैं संविधान दिवस के मौके पर भारत के नागरिकों से ये कहना चाहता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले हैं और आगे भी खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसी को कभी भी कोर्ट आने से डरने की जरूरत नहीं है, न्यायपालिका के प्रति आपकी आस्था हमें प्रेरित करती है, आपका विश्वास हमारा श्रद्धा स्थान है' चीफ जस्टिस ने दो नए पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा भी की। देशभर में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस खास मौके पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें चीफ़ जस्टिस ने यह कहा।