सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। सिविल केस को क्रिमिनल केस में बदले जाने पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यूपी में जो हो रहा है, वह गलत है, हर रोज सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदला जा रहा है। यह बेतुका है, सिर्फ पैसे नहीं देने को अपराध नहीं बनाया जा सकता, ये कानून के शासन का पूरी तरह ब्रेकडाउन है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर फिर से इस तरह का कोई मामला आया तो सुप्रीम कोर्ट यूपी पुलिस पर जुर्माना लगाएगा।

चीफ जस्टिस ने कहा कि जांच अधिकारी (IO) को कटघरे में खड़ा करो और आपराधिक मामला बनाओ, कहा कि पुलिस अधिकारी को भी तो सबक मिलना चाहिए। चार्जशीट फाइल करने ये कोई तरीका नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में याचिकाकर्ता के खिलाफ चल रही ट्रायल पर रोक लगा दी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के DGP और IO से कहा कि फैसले में कोर्ट ने जो निर्देश दिए हैं, उसको लेकर एफिडेविट जमा करें और IO को अदालत में पेश होकर अपना बयान दर्ज करना होगा। एफिडेविट दाखिल करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया गया है और मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

इस मामले में ग्रेटर नोएडा में पैसे के लेनदेन के एक सिविल केस को पुलिस ने सिविल केस की जगह क्रिमिनल केस बनाते हुए अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। याचिककर्ता का कहना था कि पुलिस ने पैसे लेकर केस को आपराधिक मामला बना दिया।