सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीमा करवाने के लिए बीमा का अनुबंध भरोसे पर आधारित होता है, जिसके लिए जीवन बीमा लेने वाले व्यक्ति के लिये यह दायित्व हो जाता है कि वह हर वैसी जानकारियों का खुलासा बीमा के आवेदन फार्म मे करे जिनका बीमा संबंधित मुद्दों पर किसी प्रकार का असर हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले को रद्द करते हुए टिप्पणी की कि जीवन बीमा के आवेदन फार्म में बीमा लेने वाले व्यक्ति के द्वारा अपनी पुरानी बीमारी की जानकारी छिपाना गलत होगा

कभी मीडिया की सकारात्मक भूमिका भी समझें

हाल हीं में एक टीवी चैनल “यूपीएससी जिहाद” शीर्षक से नौ एपिसोड की सीरियल दिखा रहा था, यह कहते हुए कि कुछ मुस्लिम संस्थाएं अपने लड़कों को प्रशासनिक सेवाओं में भेजने की “साजिश” कर रही हैं (लव-जेहाद की तरह जिसमें कहा जाता है कि मुसलमान लड़के, हिन्दू लड़कियों को फंसा कर शादी करते हैं और धर्म परिवर्तन भी) अपनी बात को इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म का नायब नमूना बता कर चैनल कह रहा था कि पिछले कुछ वर्षों में मुसलमान युवा ज्यादा तादात में आईएएस और आईपीएस बने हैं (हकीकत उलटी है),

Go to top

Powered by Rajmangal Associates P. Ltd.