सुप्रीम कोर्ट में योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार ने कहा कि प्रदूषण की ज़्यादातर हवा पाकिस्तान की तरफ़ से आती है। प्रदूषण नियंत्रण के मामले पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हवा के दबाव के लिहाज से यूपी नीचे है, जो कि डाउन विंड है, जबकि हवा ज्यादातर पाकिस्तान की तरफ से आती है, ऐसे में यूपी की चीनी मिल और दूध की फैक्ट्रियों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने यूपी सरकार के वकील से कहा, तो क्या अब आप पाकिस्तान की इंडस्ट्रीज को बैन कराना चाहते हैं।


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील रंजीत कुमार ने चीनी मिलों के बंद होने पर सवाल उठाया। उन्‍होंने कहा कि इससे किसानों को परेशानी होगी जबकि ये मिलें दिल्ली से 90 किलोमीटर हैं, ऐसे में चीन मिलों के चलने के लिए आठ घंटे का समय काफी कम हैं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप आयोग के पास जाइए, उनको बताइए, वो फिर फैसला करेंगे। यूपी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी गई कि अगर उद्योग बंद किये गए तो यूपी में गन्ना और दूध के उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले को लेकर सुनवाई चल रही है। दिल्ली सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दिल्ली सरकार का हलफनामा पढ़ा और अस्पताल स्थलों पर निर्माण को जारी रखने की अपील की। केंद्र सरकार ने भी दिल्ली सरकार का समर्थन किया।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सरकार तभी कुछ करती हैं जब कोई सुझाव दिया जाता है, हमने फ्लाइंग स्‍क्‍वाड का सुझाव दिया तो इन्होंने अपनी तरफ से कुछ नहीं किया, सरकार अपनी ओर से कुछ नहीं करती। इस पर चीफ़ जस्टिस ने कहा कि अगर सरकारें सब कुछ कर लेंगी तो फिर PIL की क्या जरूरत है, सरकारों को काम करने देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NCR को सारे उपायों का पालन करने के निर्देश दिए और मामले को लंबित रखा, दिल्ली सरकार के कोविड अस्पतालों के निर्माण को मंजूरी दी। मामले में दस दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।