सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल्स में खाली पड़े पदों को भरने में 'बिना सोचे' की गई कार्रवाई पर नाराज़गी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नौकरशाही इस मुद्दे को ‘हल्के’ में ले रही है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ देश भर के विभिन्न ट्रिब्यूनल्स में खाली पदों के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुरू में कुछ नियुक्तियों के बाद फिर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीएलटी-नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के सदस्यों के लिए समय बढ़ाने की माँग को लेकर कोर्ट में याचिकाएँ मिल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुरू में कुछ नियुक्तियों के बाद कुछ नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि उसे सदस्यों के भविष्य के बारे में पता नहीं है और कई सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं और नौकरशाही इस विषय को हल्के में ले रही है।
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ख़ाली पड़े पदों से संबंधित मामलों से निपटने में पीठ की सहायता कर रहे हैं। उन्होंने रिक्तियों की सूची और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों को दिखाने का प्रयास किया। पीठ ने कहा कि वह इस विषय पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। पिछले साल अगस्त में सुनवाई में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश भर के विभिन्न प्रमुख ट्रिब्यूनल्स और अपीलीय न्यायाधिकरणों में करीब 250 पद खाली हैं।