- महेश गुप्ता
दिल्ली हाई कोर्ट में छह नए जजों को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने पद ग्रहण की शपथ दिलाई। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार ने इन न्यायाधीशों के स्थानांतरण को मंजूरी दी थी। न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव साम्ब्रे न्यायमूर्ति विवेक चौधरी न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल न्यायमूर्ति अरुण मोंगा न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला ने शपथ ली। उक्त जजों के कार्यभार संभालने के इसी के साथ दिल्ली हाई कोर्ट में जजों की संख्या स्वीकृत 60 जजों पर 40 हो गई है
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के एक मामले में कहा कि अगर महिला काफी पढ़ी-लिखी है, तो उसे एलिमनी मांगने की बजाय खुद कमाकर खाना चाहिए। महिला ने पति से मुंबई में एक फ्लैट, 12 करोड़ रुपए का भरण-पोषण और एक महंगी BMW कार की मांग की थी। महिला की शादी को केवल 18 महीने ही हुए थे।
चीफ जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा- “आपकी शादी सिर्फ 18 महीने चली और आप हर महीने 1 करोड़ मांग रही हैं। आप इतनी पढ़ी-लिखी हैं, फिर नौकरी क्यों नहीं करतीं? एक उच्च शिक्षित महिला बेकार नहीं बैठ सकती। आपको अपने लिए कुछ मांगना नहीं चाहिए बल्कि खुद कमाकर खाना चाहिए।”
- महेश गुप्ता
ED तो अब सारी सीमाएं ही लांघ रही है, जांच एजेंसी पर फायर हुआ सुप्रीम कोर्ट। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय ED को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी तो सभी सीमाएं लांघ रही हैं। दरअसल कुछ वकीलों को आर्थिक अपराधों के मामले में आरोपियों को कानूनी सलाह देने के कारण ईडी ने उन वकीलों को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी ने सीमा पार कर दी है।
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने एक बच्चे की कस्टडी को लेकर एक अहम आदेश सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 12 वर्षीय लड़के की कस्टडी उसके पिता को सौंपने के अपने ही 10 महीने पुराने फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी माँ को सौंपने का आदेश दिया है।
- महेश गुप्ता
हाईकोर्ट जज जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित घर से बरामद हुई करोड़ों की नकदी के मामले में केन्द्र सरकार जस्टिस वर्मा को जज की कुर्सी से हटाने के लिए महाभियोग की तैयारी कर रही है, दूसरी तरफ जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित “इन हाउस जांच” की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के बंगले में मिली नकदी का स्रोत न बता पाने पर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की गई है। जस्टिस वर्मा की दलील है कि उनके बंगले में स्टोररूम में यह नगदी थी और स्टोर रूम पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था। जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला इन हाउस जांच रिपोर्ट की वैधता तय करेगा।
- महेश गुप्ता
नई दिल्ली। दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित फिल्म “उदयपुर फाइल्स” आज रिलीज नहीं होगी। रिलीज के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका पर दो चरणों में करीब चार घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा फिल्म को दिए गए प्रमाणन के विरुद्ध जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर पुनरीक्षण आवेदन पर केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम राहत पर निर्णय लेने तक फिल्म के रिलीज पर रोक जारी रहेगी।
- Kanoon Live
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर रोक लगा दी है। अदालत ने फिल्म निर्माता को केंद्र सरकार के समक्ष जाने के लिए कहा। अदालत ने आगे कहा कि सीबीएफसी द्वारा फिल्म के प्रमाणन के विरुद्ध दायर पुनरीक्षण आवेदन पर निर्णय लेने तक फिल्म रिलीज नहीं होगी। फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी।
नई दिल्ली। दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित फिल्म उदयपुर फाइल्स आज रिलीज नहीं होगी। रिलीज के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका पर दो चरणों में करीब चार घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा फिल्म को दिए गए प्रमाणन के विरुद्ध जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर पुनरीक्षण आवेदन पर केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम राहत पर निर्णय लेने तक फिल्म के रिलीज पर रोक जारी रहेगी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने अपने रिट अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने से इन्कार कर दिया।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को पहले सिनेमैटोग्राफ अधिनियम की धारा-छह के तहत पुनर्विचार के लिए अपने वैधानिक उपाय का उपयोग करना चाहिए। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को आज से दो दिनों के भीतर अधिनियम की धारा-छह के तहत पुनरीक्षण शक्तियों का प्रयोग करने की अनुमति दे दी है।
न्यायालय ने कहा कि कोई तीसरा पक्ष भी धारा-छह के तहत पुनरीक्षण शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने धारा-छह के तहत वैधानिक उपाय का सहारा नहीं लिया है। धारा-छह केंद्र सरकार को फिल्म को अप्रमाणित घोषित करने या फिल्म के प्रदर्शन पर रोक जैसे अंतरिम उपाय प्रदान करने के लिए पर्याप्त शक्तियां प्रदान करता है।
पीठ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इस न्यायालय के लिए असाधारण अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करना अनुचित है, लेकिन मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत का मत है कि याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करना चाहिए था। अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा पुनरीक्षण याचिका दायर करने पर सरकार इस पर एक सप्ताह के भीतर विचार कर निर्णय लेगी।
अदालत ने निर्णय में कहा कि फिल्म को 20 जून को प्रमाणन दिया गया था, लेकिन जारी किए गए ट्रेलर में फिल्म के कुछ अप्रमाणित अंश थे और निर्माता ने स्वीकार किया गया है कि ट्रेलर के टीजर वर्जन का प्रसार बिना प्रमाणन के किया गया था। सुनवाई के दौरान याची की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस फिल्म में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य की समलैंगिकता और यौन विकृति दिखाने वाले दृश्य हैं। फिल्म में भाजपा नेता नूपुर शर्मा का नाम नूतन शर्मा रखा गया है, उनकी टिप्पणी की विषयवस्तु इसमें मौजूद है।
निर्माता को 55 कट करने संबंधी संशोधन करने का आदेश दिया
उन्होंने कहा कि मैंने फिल्म देखी है और पूरी फिल्म समुदाय के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भले याचिका खारिज की जाए, लेकिन अदालत फिल्म देखे और निर्णय करे। वहीं, दूसरी तरफ सेंसर बोर्ड व केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एएसजी ने तर्क दिया है कि बोर्ड द्वारा फिल्म प्रमाणन के लिए की गई प्रार्थना पर विचार करने के बाद निर्माता को 55 कट करने संबंधी संशोधन करने का आदेश दिया गया था। यह भी कहा कि जहां तक याचिका में किए गए कथनों का संबंध है, संशोधन द्वारा प्रत्येक आपत्ति का समाधान कर दिया गया है और आज की तारीख में ऐसी कोई शिकायत अस्तित्व में नहीं है।
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों और पुलिस द्वारा आरोपियों के वकीलों को नोटिस व सम्मन भेज कर बुलाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर मामला शुरू किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई को चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ में केस सुनवाई के लिए लगाया है। पीठ में जस्टिस के. विनोद चंद्रन और एनवी अंजारिया भी शामिल होंगे।
- महेश गुप्ता
महाराष्ट्र विधानमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई को दी बधाई, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें किया सम्मानित। चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि डा. अंबेडकर ने कहा था कि संविधान स्थिर नहीं रह सकता, इसे जैविक होना चाहिए और निरंतर विकसित होना चाहिए।
- महेश गुप्ता
देश के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का रिटायरमेंट के बाद सरकारी बंगले में तय अवधि से ज्यादा दिन रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उनसे बंगला तुरंत खाली कराने की मांग की है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने इसे पारिवारिक मजबूरी बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटियों की विशेष जरूरतों के कारण नया घर मिलने में देरी हुई। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब और मोहलत नहीं दी जा सकती।