बिहार SIR, चुनाव आयोग 65 लाख नामों की सूची वेबसाइट पर डालें : सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार SIR पर चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि जिन 65 लाख मतदाताओं का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है, उनका नाम 48 घंटे के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी के वेबसाइट पर शेयर किया जाए, साथ ही यह जानकारी भी दी जाए कि उनका नाम क्यों काटा गया, इसकी वजह भी बताई जाए।
65 लाख मतदाताओं की यह लिस्ट सभी संबंधित BLO के ऑफिस के बाहर, पंचायत भवन और BDO के ऑफिस के बाहर लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात की सूचना सभी प्रमुख समाचारपत्रों, टीवी, रेडियो के द्वारा जनता को दी जानी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि जिनका नाम लिस्ट में नहीं है उनके पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड को स्वीकार करें।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि 'मंगलवार तक चुनाव आयोग यह बताए कि वह पारदर्शिता के लिए क्या कदम उठाने जा रहा है।' इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन का वक्त चुनाव आयोग को दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने फॉर्म जमा किए हैं, वे फिलहाल मतदाता सूची में शामिल हैं।
जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग के वकील से कहा कि चूंकि यह कार्रवाई नागरिक के मताधिकार से वंचित करने जैसे गंभीर परिणाम ला सकती है, इसलिए निष्पक्ष प्रक्रिया जरूरी है।