सुप्रीम कोर्ट ने पकड़े गए आवारा कुत्तों को टीका लगातर वापस उसी इलाके में छोड़ने का आदेश दिया है, जहां से उनको पकड़ा गया था, हालांकि छोड़ने से पहले कुत्तों की नसबंदी की जाएगी।कोर्ट ने आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने वाले अपने ही पिछले आदेश में संशोधन किया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खिलाने से मनाही रहेगी।

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डॉग लवर्स में जश्न का माहौल है. अदालत ने कहा है कि पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को गोद ले सकते हैं। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनाया है. जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने डॉग लवर्स के हित में यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना प्रतिबंधित है. ऐसा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. कुत्तों को सार्वजनिक रूप से भोजन कराने की अनुमति नहीं है. आवारा कुत्तों के लिए अलग से भोजन स्थान बनाए जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पशु प्रेमी कुत्तों को गोद लेने के लिए एमसीडी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं, ये जिम्मेदारी उनकी होगी कि एक बार गोद लिए गए कुत्तों को दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आवारा कुत्तों को लेकर नेशनल पॉलिसी बनाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश का दायरा बढाते हुए कहा कि अब जो भी निर्देश दिए जाएंगे वो पूरे देश के लिए लागू होगा।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को जो फैसला सुनाया था, उसका बाद में कड़ा विरोध हुआ था, दिल्ली के इंडिया गेट पर पशु प्रेमियों ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कैंडल मार्च भी निकाला था.अब अदालत ने अपने पिछले फैसले में संशोधन किया है.