सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी को लेकर बड़ा संकेत दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच की प्रगति को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की और कहा कि जांच हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस पर विचार कर रहा है कि मामले की छानबीन पर हाई कोर्ट के रिटायर जज मॉनिटर करें।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में कहा है कि एक वसीयत को किसी आपसी समझौते के जरिए रद्द नहीं किया जा सकता है, इसे केवल भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा-70 के तहत बताए गए तरीकों के अनुसार ही रद्द किया जा सकता है।

समलैंगिक जोड़े के विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में 30 नवंबर को सुनवाई होगी। हाई कोर्ट ने समलैंगिक जोड़ों की उन दो याचिकाओं सहित अलग-अलग याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के लिए 30 नवंबर को सूचीबद्ध कर दिया है, जिनमें विशेष विवाह अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम और विदेशी विवाह कानूनों के तहत समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध किया गया है। चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बैंच ने मामले में पक्षकारों को जवाब और प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया और इसे 30 नवंबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।


सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के माहौल में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए काली पूजा, दिवाली और इस साल कुछ और त्योहारों के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर रोक लगाए जाने पर पर कहा है कि यह किसी समुदाय या किसी समूह के खिलाफ नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उल्लास की आड़ में वह लोगों के अधिकारों के उल्लंघन का आदेश नहीं दे सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर अबू सलेम को जमानत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच ने जमानत याचिका खारिज की, हालांकि अदालत ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करने के बाद रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि 25 फरवरी 2015 के विशेष टाडा अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई नवंबर 2021 के तीसरे हफ्ते में सूचीबद्ध करें।

क्रूज़ ड्रग्स केस में बॉम्बे हाई कोर्ट से शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जमानत मिल गई है। आर्यन खान के साथ अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को भी हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।कोर्ट ने गुरुवार को ऑपरेटिव ऑर्डर दिया है और शुक्रवार को ऑर्डर की कॉपी आएगी।

लखनऊ की पॉलोमी पाविनी शुक्ला को विख्यात पत्रिका "फेमिना" ने अपनी "Fab 40" सूची में शामिल कर सम्मानित किया

विख्यात पत्रिका "फेमिना" ने अपने नवीनतम संस्करण में वर्ष 2021 की 40 ऐसी महिलाओं की सूची जारी की है जिन्होंने अपने क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देते हुए लाखों लोगों को प्रेरित किया है जिसमें लखनऊ की पॉलोमी पाविनी शुक्ला भी शामिल की गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग यानि मामलों की सुनवाई खुली अदालत में शुरू करने और वकीलों के सुनवाई में पेश होने की माँग को लेकर वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया, इसमें युवा वकीलों की संख्या अधिक रही जिन्होंने अपना दर्द सुनाया कि कोरोना के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग शुरू न करने पर युवा वकीलों की आर्थिक स्थिति और ख़राब होती जा रही है, बेरोज़गारी लगातार बढ़ती जा रही है।

कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के दौरान बिगड़ी स्थिति को नियंत्रण करने और इंटेलिजेंस की विफलता का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायिर की गई है। इस याचिका से पहले भी हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका दाखिल हो चुकी है जिसमें आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली की सीमाओं से और स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को पद से हटाने की मांग की गई है। याचिका पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी।

दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को एक एनजीओ ‘दिल्ली सिटिजन फॉरम फॉर सिविल राइट’ ने यह याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा है कि गणतंत्र दिवस सभी देशवासियों के लिए गर्व का दिन होता है, लेकिन उस दिन हुई हिंसा से लोगों में भय व्याप्त हो गया। इस हिंसा के लिए गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया है। याचिका में कहा गया है कि करीब दो माह से चल रहे किसानों के आंदोलन को दिल्ली पुलिस ने 25 जनवरी को एक हजार ट्रैक्टर को परेड की इजाजत दे दी थी, जबकि हर जगह यह खबर चल रही थी कि दिल्ली की सीमाओं पर 50 हजार से अधिक ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए आ चुके हैं। याचिका में कहा गया है कि 26 जनवरी की सुबह 7 बजे ही न्यूज चैनलों पर खबर आई गई थी कि किसानों के एक गुट ने ट्रैक्टर परेड को दोपहर 12 बजे के बजाए सुबह से शुरू कर दिया था।

याचिका में कहा है कि इतनी सूचनाएं होने के बाद भी दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस ने समय रहते कदम नहीं उठाया। दिल्ली पुलिस की विफलता के कारण हजारों ट्रैक्टर दिल्ली में लाल किला तक पहुंत गए और वहां पर न सिर्फ उपद्रव मचाया, बल्कि धार्मिक झंडे को भी फहराया। याचिका में इसके लिए गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही  इसके लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में अधिकारियों की इस घटना के लिए जवाबदेही तय करने की भी मांग की गई है।

 

 

 

 

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