दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला पर तेजाब फेंकने के मामले में दो युवकों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखने का फ़ैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने पीड़ित महिला को मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये दिये जाने का आदेश भी दिया है।

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर दोषियों की अपील को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत ‘एसिड’ शब्द न केवल उन पदार्थों को संदर्भित करता है जिन्हें वैज्ञानिक रूप से अम्ल या तेजाब कहा जाता है, बल्कि इसमें उन सभी पदार्थों को शामिल किया जाता है जिनमें अम्लीय या संक्षारक गुण या झुलसाने की प्रकृति होती है, साथ ही जो निशान छोड़ने या चेहरे में विकृति पैदा करने के साथ ही अस्थायी या स्थायी विकलांगता पैदा करते हैं।

हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट द्वारा इस मामले के तीसरे दोषी को सुनाई गयी 10 साल के सश्रम कारावास की सजा भी बरकरार रखी। मामले में मथुरा में अंजाम दिये गये अपराध की गंभीरता और पीड़िता के जीवन और आजीविका पर इसके व्यापक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि निचली अदालत द्वारा दोषियों पर लगाए गए ढाई-ढाई लाख रुपये के जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाएगी। पीठ में जस्टिस अनीश दयाल भी शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ताओं द्वारा जुर्माना के रूप में भुगतान किए गए और पीड़िता द्वारा प्राप्त मुआवजे के आधार पर, यह अदालत उत्तर प्रदेश पीड़ित मुआवजा योजना 2014 के तहत (कुल 5,00,000 रुपये के मुआवजे में से) पीड़िता को शेष राशि का भुगतान करने का निर्देश देती है।

8 साल पहले जून 2014 में जब महिला एक मंदिर से घर लौट रही थी, तब दोषियों ने महिला पर तेजाब फेंक दिया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार तेजाब हमले से पहले भी पीड़िता को एक दोषी द्वारा परेशान किया जा रहा था और महिला ने उस दोषी के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। दोषियों ने सेशन कोर्ट से मिली सजा को इस आधार पर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पीड़िता पर फेंका गया पदार्थ तेजाब या कोई संक्षारक पदार्थ था।
अदालत ने अपीलकर्ता के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि पीड़िता ने दोषियों को मामले में झूठा फंसाने के लिए यह मामला दर्ज किया था। अदालत ने कहा कि यह स्वीकार करना असंभव है कि किसी को झूठे मामले में फंसाने के लिए कोई व्यक्ति खुद पर तेज़ाब डालकर इस तरह के जबरदस्त दर्द और गहन चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरेगा।