देखें, सरकार कैसे पल्टी मारती है केस-दर-केस : एन के सिंह
- एन के सिंह
कभी मीडिया की सकारात्मक भूमिका भी समझें
हाल हीं में एक टीवी चैनल “यूपीएससी जिहाद” शीर्षक से नौ एपिसोड की सीरियल दिखा रहा था, यह कहते हुए कि कुछ मुस्लिम संस्थाएं अपने लड़कों को प्रशासनिक सेवाओं में भेजने की “साजिश” कर रही हैं (लव-जेहाद की तरह जिसमें कहा जाता है कि मुसलमान लड़के, हिन्दू लड़कियों को फंसा कर शादी करते हैं और धर्म परिवर्तन भी) अपनी बात को इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म का नायब नमूना बता कर चैनल कह रहा था कि पिछले कुछ वर्षों में मुसलमान युवा ज्यादा तादात में आईएएस और आईपीएस बने हैं (हकीकत उलटी है),
'आत्महत्या का प्रयास' पर कानूनों में विरोधाभास क्यों ?
- महेश गुप्ता
भारत का संविधान देश के हर नागरिक को जीने का अधिकार प्रदान करता है, लेकिन जीवन को खुद समाप्त करने का अधिकार किसी को भी नहीं देता है, भले ही उस इंसान की आर्थिक, मानसिक या स्वास्थ्य की स्थिति कितनी ही दयनीय क्यूं न हो। आत्महत्या की कोशिश को लेकर हमारे देश के कानूनों में आपसी विरोधाभास पैदा हो गया है. भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 309 आत्महत्या के प्रयास को अपराध घोषित करती है, जबकि मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम की धारा 115 इसे अपराध के दायरे से बाहर करती है.
वर्चुअल कोर्ट ने बढ़ाया युवा वकीलों का आत्मविश्वास और कार्य क्षमता: जस्टिस चंद्रचूड़
- महेश गुप्ता
जस्टिस चन्द्रचूड़ का कहना है कि युवा वकीलों में आत्मविश्वास की भावना है जो सीनियर एडवोकेट्स के सामने फिजिकल कोर्ट में बहस करने से झिझकते नहीं हैं, यह युवा वर्ग के लिए एक नया आयाम है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) ने कहा है कि वर्चुअल कोर्ट (Virtual Court) से युवा वकीलों में, विशेषकर महिला वकीलों में आत्मविश्वास और कार्य क्षमता में सराहनीय वृद्धि हुई है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं खासतौर पर उन युवा वकीलों की संख्या से प्रभावित हुआ हूं, जो वुर्चअल कोर्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार की 'पे-ऑफ' सिस्टम अदालत के लिए भी पहेली
- एन के सिंह
भारत भ्रष्टाचार की नयी ऊंचाइयाँ छूने लगा है. एक मुख्यमंत्री अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगता है और हिमाकत यह कि अपने 8 पेज के आरोप पत्र को सीजेआई को भेजने के साथ हीं मीडिया को भी दे देता है. स्वतंत्र भारत में देश की सबसे बड़ी अदालत की गरिमा पर यह दूसरी बार आंच आयी है। पहली बार जनवरी, 2018 को तब जब सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ 4 जजों ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महत्वपूर्ण मामलों को खास जजों की एक बेंच को सौंपने का आरोप लगाया था.
Delay in justice causes anxiety, unrest and rebellion among masses : Chief Justice S A Bobde
- Mahesh Gupta
Amid the ongoing debate over the hanging of Nirbhaya gangrape convicts, Chief Justice of India Justice S A Bobde on December 18, 2019 registered a suo motu writ and issued notice to Centre and state governments, saying that the existing legal framework and ways of police action should be strengthened and made answerable to ensure speedy justices to the victims of sexual offences.
कोरोना काल में समाधान, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ खुद टाइप कर रहे ऑर्डर
- Mahesh Gupta
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Justice D Y Chandrachud) कोर्ट में मामलों की सुनवाई के दौरान अपने ऑर्डर स्टेनो को लिखवाकर उनसे टाइप करवाने की बजाय खुद अपने लेपटोप पर टाइप करते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ का कहना है कि अपना आदेश खुद टाइप करने से आदेश और बेहतर व भाषा में गलती रहित होता है
TRP धांधली : रिपब्लिक टीवी के सीईओ से मुंबई क्राइम ब्रांच ने की पूछताछ
- Kanoon Live
TRP रेटिंग धांधली में रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास खनचंदानी से रविवार को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की। इससे पहले मुंबई पुलिस ने विकास खनचंदानी को पूछताछ के लिए समन जारी कर तलब किया था। इसी सिलसिले में वह आज मुंबई क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे थे। वहीं रिपब्लिक टीवी के सीएफओ शिव सुब्रमण्यम सुंदरम ने पुलिस के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा है