दिल्ली में सभी अस्पतालों को लगाने होंगे अपने ऑक्सीजन प्लांट : दिल्ली हाईकोर्ट
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कोरोना संकट काल में कड़वे अनुभवों से हमें सीख लेनी चाहिए : दिल्ली हाईकोर्ट
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका मद्देनजर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में सभी अस्पताल और नर्सिंग होम को अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने से अधिक बेड वाले सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को अपनी सामान्य जरूरत से दो गुणा अधिक क्षमता का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कहा है, जबकि 50 से 100 बेड वाले अस्पतालों को अपनी नियमित जरूरत के मुताबिक़ अपने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया है।
कोरोना बढ़ाने में सरकारें भी काफी जिम्मेदार: दिल्ली हाईकोर्ट
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कोरोना संकट पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना को बढ़ाने में सरकारें भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि कोरोना के हालात बिगड़ने में सरकारों की भूमिका भी जिम्मेदार हैं, कहा कि कभी चुनाव, तो कभी कुंभ के मेले होते रहे। हाई कोर्ट ने ये टिप्पणी तब की जब एक वकील ने कोर्ट में कहा कि हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि हमने भी सावधानी बरतनी कम कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने होली के दिन रेप के आरोपी को दी अग्रिम ज़मानत
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सुप्रीम कोर्ट ने 'होली' के अवकाश के दिन रेप मामले के आरोपी की अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष अदालत लगाई और आरोपी की अग्रिम ज़मानत याचिका मंज़ूर की। आरोपी गोवा के कलंगूट बीच पर बने मशहूर रेस्टोरेंट सोजा लोबो का मालिक जूडे लोबो है। लोबो के खिलाफ दिल्ली की एक महिला ने बलात्कार के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को दस हज़ार के निजी मुचलके पर ज़मानत दी है।
देश के नए चीफ जस्टिस एन.वी. रमना
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देश के अगले चीफ जस्टिस एन.वी. रमना होंगे। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने अपनी रिटायरमेंट से एक महीने पहले देश के अगले चीफ जस्टिस के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस एन.वी. रमना का नाम आगे बढ़ाया है और केंद्र सरकार के पास इसकी सिफारिश भेजी है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में जस्टिस रमना को चीफ जस्टिस के लिए सबसे उपयुक्त बताया। नियमों के मुताबिक चीफ जस्टिस को अपनी रिटायरमेंट से एक महीने पहले नए चीफ जस्टिस के नाम का प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजना होता है। यहां से मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।
हिंदू विवाहित महिला के मायके के उत्तराधिकारियों को बाहरी नहीं कहा जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू विवाहित महिला की संपत्ति के उत्तराधिकार मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदू विवाहित महिला के मायके के उत्तराधिकारियों को बाहरी नहीं कहा जा सकता, वह महिला के परिवार के ही माने जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 (1)डी में महिला के पिता के उत्तराधिकारियों को महिला की संपत्ति के उत्तराधिकारियों में शामिल किया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने महिला के देवर के बच्चों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें महिला को ससुराल से मिली संपत्ति को बाद में अपने भतीजों को दिये जाने के महिला के फैसले को चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस और बीजेपी सांसद रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई बंद की
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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस एवं बीजेपी सांसद रंजन गोगोई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न मामले में खुद संज्ञान लेकर शुरू की गई सुनवाई बंद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को दो साल बीत चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ साजिश की आशंका की जांच में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हासिल करने की संभावनाएं बहुत कम रह गई है। जस्टिस गोगोई पर यौन शौषण के आरोप लगने पर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील उत्सव बैंस ने जस्टिस गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोपों के पीछे साजिश होने का दावा किया था।
सुप्रीम कोर्ट का फर्जी अकाउंट और फर्जी समाचारों पर ट्वीटर और केन्द्र सरकार को नोटिस
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और ट्विटर को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, ट्विटर और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को फर्जी समाचार के माध्यम से नफरत फैलाने वाली ट्विटर सामग्री और विज्ञापनों की जांच करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और ट्विटर समेत अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को फर्जी समाचार और फर्जी अकाउंट के माध्यम से भड़काने वाले संदेशों की जांच के लिए नोटिस जारी किया है।
पौलोमी पाविनी शुक्ला Forbes 30 Under 30 सूची में शामिल
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सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पौलोमी पाविनी शुक्ला को *फोर्ब्स* ने भारत की 30 Under 30 सूची में सम्मिलित कर सम्मानित किया है। विश्व विख्यात फोर्ब्स पत्रिका प्रति वर्ष 30 ऐसे व्यक्तियों की सूची जारी करती है, जो 30 वर्ष की आयु से कम हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण कार्य किया है।
एडवोकेट पौलोमी पाविनी शुक्ला को अनाथ बच्चों की शिक्षा में सराहनीय योगदान के लिए फोर्ब्स पत्रिका ने वर्ष 2021 की अपनी 30 Under 30 सूची में सम्मिलित किया है।
पौलोमी ने भारत में अनाथ बच्चों की दुर्दशा पर वर्ष 2015 में _"Weakest on Earth - Orphans of India"_ पुस्तक लिखी, जो विख्यात प्रकाशन संस्थान Bloomsbury द्वारा प्रकाशित की गई। इसके बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट में अनाथ बच्चों के लिए जनहित याचिका भी दायर की। अपनी पुस्तक तथा जनहित याचिका के माध्यम से इनके द्वारा अनाथ बच्चों को शिक्षा तथा अन्य सुविधाओं में समान अवसर दिलवाने हेतु कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है। इनके इस कार्य से कई राज्यों में अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए अनेक कदम उठाए गए, जिसके लिए पौलोमी पाविनी शुक्ला को कई राज्यों में सम्मानित भी किया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग की माँग को लेकर वकीलों का प्रदर्शन
- Kanoon Live
सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग यानि मामलों की सुनवाई खुली अदालत में शुरू करने और वकीलों के सुनवाई में पेश होने की माँग को लेकर वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया, इसमें युवा वकीलों की संख्या अधिक रही जिन्होंने अपना दर्द सुनाया कि कोरोना के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट में फ़िज़िकल हियरिंग शुरू न करने पर युवा वकीलों की आर्थिक स्थिति और ख़राब होती जा रही है, बेरोज़गारी लगातार बढ़ती जा रही है।
किसानों की टैक्ट्रर परेड में हिंसा पर पुलिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर
- महेश गुप्ता
कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के दौरान बिगड़ी स्थिति को नियंत्रण करने और इंटेलिजेंस की विफलता का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायिर की गई है। इस याचिका से पहले भी हाई कोर्ट में एक और जनहित याचिका दाखिल हो चुकी है जिसमें आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली की सीमाओं से और स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को पद से हटाने की मांग की गई है। याचिका पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को एक एनजीओ ‘दिल्ली सिटिजन फॉरम फॉर सिविल राइट’ ने यह याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा है कि गणतंत्र दिवस सभी देशवासियों के लिए गर्व का दिन होता है, लेकिन उस दिन हुई हिंसा से लोगों में भय व्याप्त हो गया। इस हिंसा के लिए गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया है। याचिका में कहा गया है कि करीब दो माह से चल रहे किसानों के आंदोलन को दिल्ली पुलिस ने 25 जनवरी को एक हजार ट्रैक्टर को परेड की इजाजत दे दी थी, जबकि हर जगह यह खबर चल रही थी कि दिल्ली की सीमाओं पर 50 हजार से अधिक ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए आ चुके हैं। याचिका में कहा गया है कि 26 जनवरी की सुबह 7 बजे ही न्यूज चैनलों पर खबर आई गई थी कि किसानों के एक गुट ने ट्रैक्टर परेड को दोपहर 12 बजे के बजाए सुबह से शुरू कर दिया था।
याचिका में कहा है कि इतनी सूचनाएं होने के बाद भी दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस ने समय रहते कदम नहीं उठाया। दिल्ली पुलिस की विफलता के कारण हजारों ट्रैक्टर दिल्ली में लाल किला तक पहुंत गए और वहां पर न सिर्फ उपद्रव मचाया, बल्कि धार्मिक झंडे को भी फहराया। याचिका में इसके लिए गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की विफलता को जिम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही इसके लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में अधिकारियों की इस घटना के लिए जवाबदेही तय करने की भी मांग की गई है।