देश के अगले चीफ जस्टिस एन.वी. रमना होंगे। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने अपनी रिटायरमेंट से एक महीने पहले देश के अगले चीफ जस्टिस के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस एन.वी. रमना का नाम आगे बढ़ाया है और केंद्र सरकार के पास इसकी सिफारिश भेजी है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में जस्टिस रमना को चीफ जस्टिस के लिए सबसे उपयुक्त बताया। नियमों के मुताबिक चीफ जस्टिस को अपनी रिटायरमेंट से एक महीने पहले नए चीफ जस्टिस के नाम का प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजना होता है। यहां से मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। कानून मंत्रालय को भेजी चिट्ठी में उन्‍होंने जस्टिस रमना को 24 अप्रैल से देश के 48वें चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की है। जस्टिस रमना आंध्र प्रदेश से पहले जज हैं जो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का पद संभालेंगे। हालांकि तेलुगू की बात करें तो वह दूसरे चीफ जस्टिस होंगे क्योंकि उनसे पहले के सुब्बा राव सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं जो 30 जून 1966 को चीफ जस्टिस बने थे।

जस्टिस रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था। फरवरी 1983 को उन्होंने वकालत की शुरुआत की थी। 27 जून 2000 को वे आंध्रप्रदेश के हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्त हुए, इसके बाद फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। जस्टिस रमना ने हाल ही में कहा था कि भारत में अभी भी न्याय पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी हम गरीबी और न्याय तक पहुंच न होने की कठिनाई से जूझ रहे हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अभी भी लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके मूलभूत अधिकार नहीं मिल सके हैं, इसलिए हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूलना चाहिए।