सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि संपत्ति का अधिकार एक मूल्यवान संवैधानिक अधिकार है।सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े बेंगलूरू राज्य के 33 साल पुराने मामले में मालिक को उसकी जमीन वापस दिलवाई है। सुप्रीमकोर्ट ने तीन महीने में केंद्र सरकार को जमीन वापस करने के आदेश दिए है। कोर्ट ने कहा कि सरका यह नहीं कह सकती कि उन्हें किसी भी कानून के बिना किसी की संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार है। किसी भी कानून के बिना सरकार को किसी संपत्ति पर अधिकार जारी रखने की अनुमति देना अराजकता को माफ करने जैसा है। अदालत की भूमिका लोगों की स्वतंत्रता की सुरक्षा करने और चौकन्ने रक्षक के रूप में कार्य करने की है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एस.रवींद्र भट ने ये फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने में बेंगलुरु में 2 एकड़ और 8 गुंटा की जमीन उसके मालिक को सौंपने का आदेश दिया, कहा कि अपनी जमीन सरकार के पास रखने के एवज़ में मालिक सरकार से इसके लिए मुआवजे का दावा कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कानूनी कार्यवाही ख़र्च के लिए मालिक को 75,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।