सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक बयान देने के लिए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर अब सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना की करने की तलवार लटक रही है। उनके ख़िलाफ़ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की मांग उठी है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने देश के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को पत्र लिखकर सांसद दुबे के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है।


यह क़दम तब उठाया गया है जब सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणियों ने सियासी हलकों में भूचाल ला दिया है। सांसद निशिकांत दूबे के 19 अप्रैल को दिए गए अपने बयान ने सुप्रीम कोर्ट को 'धार्मिक युद्ध भड़काने' और 'अराजकता की ओर ले जाने' का ज़िम्मेदार ठहराया है, उन्होंने एक्स पर लिखा था, 'क़ानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। साथ ही कहा था, 'इस देश में जितने गृह युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं, उसके लिए सीजेआई संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट धार्मिक युद्ध भड़काने का काम कर रहा है।'

इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल को पत्र लिखकर सांसद दुबे के ख़िलाफ़ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति मांगी। पत्र में कहा गया कि दुबे की टिप्पणियां 'गंभीर रूप से अपमानजनक और ख़तरनाक रूप से उकसाने वाली हैं जो सुप्रीम कोर्ट की गरिमा और स्वतंत्रता पर हमला करती हैं। अटॉर्नी जनरल को यह पत्र अदालत की अवमानना अधिनियम की धारा 15(1)(बी) और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नियमावली के नियम 3(सी) के तहत लिखा गया।