नासिक दरगाह ढहाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
- महेश गुप्ता
नासिक में हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह को गिराने पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध न किए जाने पर बॉम्बे हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
नासिक नगर निगम द्वारा हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह को ढहाने के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से यह बताने को कहा है कि दरगाह की तरफ से दायर याचिका को हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए 10 दिनों तक सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया। यह मामला नासिक के काठे गल्ली में दशकों पुरानी दरगाह के विध्वंस से जुड़ा है, जिसे नगर निगम ने अवैध निर्माण करार दिया है, हालांकि अदालत में यह सब कार्रवाई चल रही थी और हाईकोर्ट सुनवाई नहीं कर रहा था, इस दौरान दरगाह को बुलडोजर से गिरा दिया गया।
नासिक नगर निगम ने पिछली 1 अप्रैल को हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह के खिलाफ नोटिस जारी किया था। नोटिस में इसे अवैध निर्माण बताते हुए ढहाने का आदेश दिया गया था। इस नोटिस के खिलाफ दरगाह ट्रस्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट में 7 अप्रैल को याचिका दायर की थी जिसमें तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी, क्योंकि दरगाह को गिराने की तारीख नजदीक आ रही थी। हालांकि, ट्रस्ट के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि हाईकोर्ट में 8 अप्रैल से उनकी याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए बार-बार अनुरोध किया गया है लेकिन हाई कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया।
इस दौरान नासिक नगर निगम ने 15 और 16 अप्रैल की मध्यरात्रि को दरगाह को गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी थी जिससे स्थानीय लोगों और कुछ संगठनों के विरोध के कारण हिंसा भड़क गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने नासिक नगर निगम के नोटिस पर अंतरिम रोक लगाते हुए आदेश दिया जब तक सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई नहीं होती, नासिक नगर निगम अपने नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा, साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को दरगाह की याचिका की सूचीबद्धता के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को तय की गई है।