जस्टिस बी आर गवई देश के 52वें चीफ जस्टिस बने
- महेश गुप्ता
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई Justice BR Gavai को भारत का मुख्य न्यायाधीश Chief Justice of India का पदभार ग्रहण कराया। जस्टिस गवई ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना का स्थान लिया है। जस्टिस बीआर गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं। जस्टिस के तौर पर जस्टिस गवई ने हिंदी में शपथ ली। उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक रहेगा, जो 23 नवंबर 2025 को पूरा होगा।
हाईकोर्ट जज यशवंत वर्मा के घर में थी बड़ी नगदी : जाँच कमेटी, वर्मा की कुर्सी ख़तरे में
- महेश गुप्ता
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर लगी आग के दौरान नकदी मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों को सही माना है. जस्टिस वर्मा को अपना जवाब देने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। चीफ जस्टिस ने उन्हें इस्तीफा देने का विकल्प दिया है।
जज कैश कांड में जांच कमेटी ने चीफ जस्टिस को रिपोर्ट सौंपी
- महेश गुप्ता
हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में अधजले नोट की बरामदगी के आरोपों की आंतरिक जांच करने वाली तीन जजों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंप दी है।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने अपने ही तीन अधिकारियों को लिया हिरासत में
- महेश गुप्ता
केंद्रीय जांच एजेंसियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक अनूठा मामला सामने आया है जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के तीन अधिकारियों को सीबीआई की ही हिरासत में ही भेज दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि इस घटना से उस तंत्र की नींव हिल गई है, जिसका प्राथमिक कर्तव्य अपराधियों को सजा दिलाना था।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण NALSA ने 3 दशक पूरे किए
- महेश गुप्ता
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने अपनी स्थापना के 3 दशक पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर NALSA ने कई नई योजनाओं की शुरुआत की है जिसमें शामिल हैं :
जागृति - ग्रामीण स्तर तक न्याय के प्रति जागरूकता और सूचना पहुंचाने की योजना
DAWN - ड्रग्स मुक्त भारत के लिए जागरूकता फैलाने की योजना
संवाद - सामाजिक रूप से कमज़ोर वर्ग, आदिवासी और बंजारा समुदाय के लोगों तक न्याय की पहुंच मज़बूत करने की योजना
सांसद निशिकांत दूबे पर लटकी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने की तलवार
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक बयान देने के लिए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर अब सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना की करने की तलवार लटक रही है। उनके ख़िलाफ़ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की मांग उठी है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने देश के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को पत्र लिखकर सांसद दुबे के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है।
नासिक दरगाह ढहाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
- महेश गुप्ता
नासिक में हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह को गिराने पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध न किए जाने पर बॉम्बे हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
वक़्फ़ क़ानून पर 5 मई तक अंतरिम रोक
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर अंतरिम आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई छेड़खानी और बदलाव नहीं होगा और न ही वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति की जाएगी। वक़्फ़ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर केंद्र सरकार को आपत्तियों पर जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
राष्ट्रपति तय समयावधि में मंजूर करें विधेयक: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
नयी दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व मत व्यक्त करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति को तय समयसीमा में विधेयकों मंजूर करना चाहिए। कोर्ट ने यह बात संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों के संबंध में कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए रखे गए विधेयकों पर संदर्भ प्राप्त होने की तिथि से 3 महीने में निर्णय लेना आवश्यक है। इससे ज़्यादा समय होने पर उचित कारणों को दर्ज करना होगा और संबंधित राज्य को सूचित भी करना होगा।
पैक्ड फूड पर वार्निंग लेबल लगाया जाए कि कितना शुगर, कितना हानिकारक फैट, स्पष्ट लिखें : सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने में पैक्ड फूड पर चेतावनी वाली लेबलिंग को लेकर नए नियम बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में इसमें मांग की गई है कि पैक्ड खाने की हरेक चीज की पैकिंग पर साफ चेतावनी दी जाए, ताकि ग्राहक यह जान सकें कि उस चीज में शुगर, नमक या हानिकारक फैट की मात्रा कितनी है।