देश के लिए एक ही संविधान जरूरी: चीफ जस्टिस बीआर गवई
- महेश गुप्ता
देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने देश को एकजुट रखने के लिए एक ही संविधान रखने की पैरोकारी की थी, और कभी भी किसी राज्य के लिए, अलग संविधान के विचार का समर्थन नहीं किया था। चीफ जस्टिस नागपुर में संविधान प्रस्तावना पार्क के उद्घाटन पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
चीफ़ जस्टिस कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक संविधान के तहत अखंड भारत के डॉ. आंबेडकर के दृष्टिकोण से प्रेरणा ली है। उन्होंने मराठी में सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'जब अनुच्छेद 370 को चुनौती दी गई थी, यह हमारे समक्ष आया था और जब सुनवाई जारी थी तो मुझे डॉ. अंबेडकर के शब्द याद आए कि एक देश के लिए एक ही संविधान उपयुक्त है। अगर हम देश को एकजुट रखना चाहते हैं तो हमें केवल एक संविधान की आवश्यकता है।
जस्टिस गवई उस पांच जजों की संविधान बेंच का हिस्सा थे, जिस बेंच ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था। इस समारोह में चीफ जस्टिस के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि चीफ जस्टिस ने संविधान प्रस्तावना पार्क का उद्घाटन और डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया। समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि यदि हम प्रस्तावना के मूल्यों को स्वीकार कर लें तो देश की 90 प्रतिशत समस्याएं हमेशा के लिए हल हो जाएंगी।