राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई Justice BR Gavai को भारत का मुख्य न्यायाधीश Chief Justice of India का पदभार ग्रहण कराया। जस्टिस गवई ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना का स्थान लिया है। जस्टिस बीआर गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं। जस्टिस के तौर पर जस्टिस गवई ने हिंदी में शपथ ली। उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक रहेगा, जो 23 नवंबर 2025 को पूरा होगा।

शपथ ग्रहण के बाद चीफ जस्टिस गवई ने अपनी मां से आशीर्वाद लिया। जस्टिस गवई की मां ने कड़ी मेहनत एवं दृढ़ संकल्प को अपने बेटे की सफलता का मूल आधार बताते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करके इसे अर्जित किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, एस. जयशंकर, पीयूष गोयल, अर्जुन राम मेघवाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आदि इस समारोह में उपस्थित थे। साथ ही पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस गवई के परिवार के सदस्य भी वहां मौजूद थे।

मूलरूप से महाराष्ट्र के अमरावती जिला निवासी जस्टिस गवई के पिता दिवंगत आर. एस गवई बिहार, केरल और सिक्किम के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं और वह ‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया’ के नेता भी थे। 52 वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेने वाले चीफ जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा और वह 23 दिसंबर 2025 को रिटायर हो जाएंगे।

चीफ जस्टिस गवई ने 16 मार्च 1985 को वकालत शुरू की थी और नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य किया। अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक वे बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त पब्लिक प्रोसिक्युटर रहे। 17 जनवरी 2000 को उन्हें नागपुर बेंच के लिए सरकारी वकील और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।