विवाह का विरोध करना आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी के विवाह का विरोध करना आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं माना जा सकता है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह फैसला उस महिला के खिलाफ चार्जशीट को खारिज करते हुए दिया, जो अपनी बहू द्वारा आत्महत्या करने के मामले में आरोपी थी। आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 306 के अंतर्गत आता है जोकि नए कानून में अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के तहत अपराध है।
सुप्रीम कोर्ट ने सस्ता किया नारियल का तेल, 15 साल लगे फ़ैसला सुनाने में
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने नारियल तेल को महंगा होने से रोक दिया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की तीन जजों की बेंच ने ये बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि छोटे पैकेट में नारियल तेल को खाद्य तेल के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, इस फैसले से साफ है कि ऐसे में हेयर ऑयल पर लगने वाला 18% फीसदी टैक्स नहीं, बल्कि खाद्य तेल पर लगने वाला 5% टैक्स लगेगा।
'बलात्कार नहीं है शादी का वायदा करके बनाया गया शारीरिक संबंध'
- महेश गुप्ता
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शादी करने के वायदे से पीछे हटना हर मामले में रेप नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही रेप के एक मामले में 10 साल कैद की सजा पाए आरोपी को बरी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले को शादी का झूठा वादा कर रेप करने का मामला मानकर आरोपी को सजा देना मूर्खता होगी।
स्कूलों में कानूनी शिक्षा हो अनिवार्य! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब मांगा है। दिल्ली की गीता रानी ने याचिका में कहा है कि प्रत्येक नागरिक के लिए मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए बुनियादी कानूनों को समझना आवश्यक है। मौलिक अधिकारों की गारंटी संविधान ने दे रखी है।
बलात्कारी हत्यारे की फाँसी की सजा हटाई सुप्रीम कोर्ट ने
- महेश गुप्ता
सेशन कोर्ट ने 13 दिन में सुनाई थी फांसी की सजा, अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बदलकर दिया, 20 साल जेल में काटने होगें दोषी को।
सुप्रीम कोर्ट ने ग्वालियर में जुलाई 2018 में हुए नाबालिग लड़की के अपहरण, हत्या और बलात्कार के एक मामले में दोषी की सजा में बड़ा बदलाव किया है। दोषी को जिला एवं सत्र न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी, वहीं हाईकोर्ट ने भी यही सजा बरकरार रखी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाया है।
जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के 51वें चीफ जस्टिस
- महेश गुप्ता
जस्टिस संजीव खन्ना ने आज राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें चीफ़ जस्टिस के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने उनको पद की शपथ दिलाई। इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हुए थे। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर को 65 साल की उम्र में चीफ़ जस्टिस के पद से रिटायर हुए। 14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की थी। जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई 2025 तक 6 चीफ़ जस्टिस के रूप में देश की न्यायपालिका का नेतृत्व करेंगे।
AMU अल्पसंख्यक दर्जे की हकदार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'धार्मिक समुदाय शिक्षा संस्थान चला सकते हैं'
- महेश गुप्ता
नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, इसका फैसला तीन जजों की संविधान पीठ करेगी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े मामले को नई पीठ के पास भेज दिया। शीर्ष अदालत ने 1967 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसे केंद्रीय कानून के तहत बनाया गया था।
CJI DY Chandrachud inaugurates National Judicial Museum and Archive in SC
- Mahesh Gupta
Chief Justice of India Justice Dr. DY Chandrachud inaugurates National Judicial Museum and Archive in SCSpeaking on the occasion, the Chief Justice said the new museum reflects the ethos of the Supreme Court and its importance for the nation. He said he would want the museum to become an interactive space for the younger generation. "You want to have younger children from schools and colleges, citizens who are not necessarily lawyers and judges to come here and breathe the air we breathe every day in the Court to bring a live experience to them of the importance of the rule of law and the work which all of us as judges and lawyers do,"
LMV ड्राइविंग लाइसेंस धारक भी हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने चार पहिया वाहन के ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर वाहन चालकों के पक्ष में फैसला सुनाया है, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 2017 के अपने फैसले को बरकार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लाइट मोटर व्हीकल यानी (LMV) लाइसेंस धारक भी हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं. ऐसे लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम से कम वजन के ट्रांसपोर्ट वाहन चला सकते हैं।
Supreme Court of India Releases Three Landmark Publications
- Mahesh Gupta