कोराना काल के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली की जिला अदालतों में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए चल रही वर्चुअल हियरिंग को समाप्त करके फिर से फिजिकल हियरिंग शुरु करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट और जिला अदालतों के वकीलों ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को ज्ञापन दिया

इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल सभी वकीलों ने कोरोना संकट के चलते सोशल डिसटेंसिंग का ध्यान रखा और मुंह पर मास्क लगाए रहे। प्रदर्शन के दौरान वकीलों में राजीव खोसला, एन सी गुप्ता, राजीव तहलन, मनोज चौहान, इंदर सिंह सरोहा, अरूण कुमार और धीरज सिंह सहित कई वकीलों ने संबोधन किया।

वकीलों ने मांग रखी कि अदालतों वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए चल रही वर्चुअल हियरिंग को अब समाप्त किया जाए और फिजिकल हियरिंग शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेसिंग की सुनवाई से मुव्वकिलों को न्याय नहीं मिल रहा है, मामलों की सुनवाई बस एक औपचारिकमात्र है जिसमें सुनवाई को महीनों के लिए टाला जा रहा है। वकीलों ने कहा कि वीडियो कांफ्रेसिंग की सुनवाई एक सीमित तरीका है जिससे वकीलों को खासकर युवा वकीलों के सामने आर्थिक संकट खड़ा है, कुछ सीनियर वकील तो वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अपने घर में बैठकर कोर्ट की सुनवाई में शामिल हो जाते हैं और अपनी फीस कमा लेते हैं, लेकिन ज्यादातर वकील काम से वंचित हो गए हैं।

कहा कि अब कोरोना अनलॉक का समय है जिसमें सभी संस्थान, रेस्टोरेंट, होटल, जिम, सिनेमा, धार्मिक स्थल आदि खुलते जा रहे हैं और सभी सरकारी कार्यलयों में स्टाफ की सौ फीसदी उपस्थिति हो चुकी है, लेकिन दिल्ली की अदालतों में काम सार्थक तरीके से नहीं हो रहा है।

वीडियो कांफ्रेसिंग की सुनवाई के दौरान जज अपने घर से, तो स्टाफ कहीं और से और वकील किसी और जगह से सुनवाई में शामिल हो रहे हैं, जो कि अब सार्थक न्याय सिस्टम नहीं है। साथ ही यह वकीलों के रोजगार की समस्या को भी और बढ़ा रहा है, इसलिए अब वीडियो कांफ्रेसिंग की सुनवाई बंद करके, अदालतों में फिजिकल हियरिंग हो, ताकि वकीलों को काम मिल सके और मुव्वकिलों को भी न्याय मिल सके।