सुप्रीम कोर्ट ने नीट एमडीएस NEET MDS 2021 की काउंसलिंग पर रोक लगा दी है. 24 अक्टूबर से शुरू होकर 29 अक्टूबर को समाप्त होने वाली काउंसलिंग के लिए पूर्ण कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि जब तक कोर्ट ऑल इंडिया कोटा में ईडब्ल्यूएस-ओबीसी आरक्षण की वैधता से संबंधित मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेता, काउंसलिंग आगे नहीं बढ़नी चाहिए. काउंसिलिंग पर रोक की वजह नीट एमडीएस ऑल इंडिया कोटा सीट्स ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण है।

ग़ौरतलब है कि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें नीट एमडीएस NEET MDS 2021 ऑल इंडिया कोटा सीट्स में आर्थिक कमजोर वर्ग EWS और अन्य पिछड़ा वर्ग OBC आरक्षण लागू किए जाने को चुनौति दी गई थी. इस याचिका में मांग की गई थी कि नीट एमडीएस ऑल इंडिया कोटा काउंसलिंग 2021 बिना ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण के संचालित किया जाए।

मामले में वरिष्ठ वकील अरविंद पी दत्तार ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि 25 अक्टूबर से नीट पीजी की काउंसलिंग शुरू होने वाली है, जबकि आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित है, ऐसे में कोर्ट को मामले में दखल देना चाहिए, क्योंकि मामला अभी कोर्ट में लंबित है. इसके बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने काउंसलिंग पर रोक लगा दी।
दरअसल केंद्र सरकार ने नीट के जरिए होने वाले मेडिकल एडमिशन में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटा लागू करने का निर्णय लिया था. इसके अनुसार, ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी सीटों पर आरक्षण का लाभ मिलेगा। याचिकाकर्ता और स्टूडेंट्स को इस बात पर आपत्ति है कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी MCC ने महज एक नोटिस जारी करके इसी शैक्षणिक सत्र यानी 2021-22 से नए आरक्षण नियम लागू कर दिए. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से एमसीसी के इस नोटिस को खारिज करने का आदेश देने की मांग की गई थी।