सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक मूल्यों और न्याय के नियमों को बनाए रखते हुए वह नागरिकों के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहा है

सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी को अपने कार्य संचालन के 71 साल पूरे किए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों तक निर्बाध और समयबद्ध तरीके से न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी और अप्रत्याशित चुनौती का सामना करना पड़ा है।

28 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस अवसर पर जारी आधिकारिक बयान में कहा कि वह सांविधानिक मूल्यों और न्याय के नियमों को बनाए रखते हुए वह नागरिकों के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहा है।

बयान में सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि कोरोना काल के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुप्रीम कोर्ट ने 43,713 मामलों की सुनवाई की। इस बीच 23 मार्च से 31 दिसंबर 2020 तक सवा नौ माह की अवधि के दौरान जजों की 1998 बेंच बैठीं ताकि वर्चुअल माध्यम से मामलों की सुनवाई की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में 231 दिनों के लिए कार्य किया जिसमें 13 दिन छुट्टियों के थे। पिछले तीन वर्षों में औसतन 268 दिनों की तुलना में रजिस्ट्री 271 दिनों तक कामकाज करती रही। इसमें कहा गया है कि तकनीकी बाधाओं और कम कार्यबल जैसी चुनौतियों के बावजूद कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया।

कोरोना काल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के 408 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए, जिनमें एक का निधन हो गया था। हालांकि 99 प्रतिशत पॉजिटिव पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के मामले कोरोना के लक्षण रहित या हल्के लक्षणों वाले थे।