आम आदमी की दिवाली कैसी होगी, यह सरकार के हाथ में है : SC
- Kanoon Live
कोरोना लॉकडाउन के दौरान बैंक लोन की किश्त अदायगी में छूट की मोरेटोरियम अवधि में ब्याज पर ब्याज न वसूलने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई दो नवंबर के लिए टल गई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए और कहा कि हम कामथ कमिटी की सिफारिश पर बहस चाहते हैं। वकील राजीव दत्ता ने लोन लेनदारों की ओर से कहा कि आठ कैटगरी की लिस्ट है जिसमें केंद्र ने दो करोड़ तक के लोन को माफ किया है। लोन पर कैपटलाइजेशन पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले ही एनपीए पर हम आदेश पारित कर चुके हैं।
पीएनबी के लिए वकील सिद्धार्थ लूथरा पेश हुए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ब्याज पर ब्याज के मुद्दे को देख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी चिंता ये है कि ये छूट कैसे दी जाए। जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि दो करोड़ तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज की छूट को जल्दी से जल्दी लागू किया जाए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसे 15 नवंबर तक लागू कर दिया जाएगा। बैंक असोसिएशन की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि जो भी सरकार कह रही है उसका पालन किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो करोड़ तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज की छूट को प्रभावी तरह से लागू किया जाए। केंद्र सरकार ने कहा कि ब्याज पर ब्याज की छूट को 15 नवंबर तक प्रभावी कर दिया जाएगा। बैक असोसिएशन ने कहा कि आरबीआई को सरकार के प्रस्ताव को लेकर सर्कुलर जारी करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को इसे लागू करने के लिए एक महीने का वक्त क्यों चाहिए। जबकि छोटा सा फैसला है। ये फेयर नहीं है कि सरकार इस फैसले को लागू करने केलिए एक महीने का वक्त ले रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप आम आदमी की स्थिति को देखिए जिनके लिए आप सहायता करने के लिए कह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से सलिसिटर जनरल ने कहा कि आप टिप्पणी में कड़ी टिप्पणी न करें। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि देरी को किसी लाभ के लिए नहीं किया जा रहा है। हमें वक्त इसिलए चाहिए कि हम ब्याज का हिसाब करना चाहते हैं जो हमें देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो नवंबर के लिए टाल दी ताकि सरकार इस मालमे में सर्कुलर और ऑर्डर जारी कर सके। सुप्रीम करो्ट के जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि लोगों की दिवाली आपके हाथ में है। आम आदमी की दिवाली अब सरकार के हाथों में है।