मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह 48 घंटे में सीबीआई के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर को गिरफ़्तारी से सुरक्षा प्रदान की और जांच में शामिल होने का आदेश दिया। परमबीर सिंह के वकील ने कोर्ट में जानकारी दी है कि वह देश से भागे नहीं हैं, वो पुलिस से छुप रहे हैं क्योंकि उन्हें पुलिस से अपनी जान का खतरा है।

सुप्रीम कोर्ट में वकील ने बताया कि परमबीर सिंह भारत में ही हैं और मुंबई पुलिस से जान का खतरा होने के कारण से वे सामने नहीं आ रहे हैं। वकील ने कहा कि परमबीर 48 घंटे के अंदर किसी भी सीबीआई अधिकारी या कोर्ट के सामने पेश होने को तैयार है। इस पर हैरानी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि केवल मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ही मुंबई में आकर रहने से डरते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर के लिए तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को उनके खिलाफ महाराष्ट्र में दर्ज आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की और उनकी याचिका पर राज्य सरकार, उसके डीजीपी और सीबीआई से जवाब मांगा।

उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह ने कहा था कि देशमुख ने उनसे मुंबई के रेस्तरां और दुकानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने के लिए कहा था। पुलिस ने बताया कि उनकी तलाश की जा रही हैं, लेकिन उनका पता नहीं चल पा रहा है।

सरकार के गृह विभाग ने परमबीर सिंह के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए 7 सदस्यीय SIT टीम गठित की थी। इस टीम की अध्यक्षता DCP स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। विमल अग्रवाल नाम के व्यापारी के खिलाफ जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज मकोका के केस की जांच भी SIT करेगी। परमबीर के कमिश्नर रहने के दौरान विमल अग्रवाल पर छोटा शकील से संबंध होने का आरोप लगाते हुए मकोका का केस दर्ज हुआ था।

सीआईडी और ठाणे पुलिस ने परमबीर के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है। सिंह के खिलाफ अब तक 5 मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक की जांच मुंबई, एक की ठाणे और तीन मामलों की जांच स्टेट CID कर रही है।

मुंबई की ठाणे पुलिस ने जुलाई में परमबीर सिंह के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। वह पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ उनके द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित चांदीवाल आयोग के सामने पेश होने में बार-बार विफल रहे हैं। जिसके बाद पहले उनके खिलाफ 5, फिर 25 और फिर 50 हजार का जुर्माना लगाया था। इसके बावजूद जब परमबीर पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ था।