देश को जल्द पहला समलैंगिक जस्टिस मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस बी.एन. किरपाल के बेटे वकील सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 11 नवंबर को आयोजित बैठक में यह सिफारिश की।

केंद्र सरकार पहले चार बार सौरभ किरपाल के नाम को लेकर आपत्ति जता चुकी है। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियिम ने सौरभ के नाम का प्रस्ताव रखा है। जस्टिस के पद पर उनकी नियुक्ति कब होगी, यह अभी कहा नहीं जा सकता है क्योंकि सरकार सौरभ के नाम पर दोबारा पुनर्विचार करने के लिए कह सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में सौरभ किरपाल की प्रस्तावित नियुक्ति उनकी कथित यौन अभिरूचि के कारण विवाद का विषय थी।

सौरभ किरपाल को 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन कार्यवाहक चीफ़ जस्टिस गीता मित्तल के नेतृत्व में दिल्ली हाईकोर्ट के कॉलेजियम की ओर से पदोन्नत करने की सिफारिश की गई थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उस पर निर्णय लेने में 4 साल लगा दिए। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सौरभ किरपाल इस पद पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति होंगे जो सार्वजनिक रूप से खुद को समलैंगिक बताते हैं। इससे पहले मार्च 2021 में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ़ जस्टिस एसए बोबडे ने केंद्र सरकार से सौरभ किरपाल को हाईकोर्ट का जज बनाए जाने को लेकर पूछा था कि सरकार इस बारे में अपनी राय स्‍पष्‍ट करे। वैसे इससे पहले चार बार ऐसा हो चुका है कि उनके नाम पर जज बनाए जाने को लेकर राय अलग रही है।

सौरभ किरपाल के नाम पर सबसे पहले कोलेजियम ने 2017 में दिल्‍ली हाईकोर्ट का जज बनाए जाने को लेकर सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस बीएन किरपाल के बेटे है सौरभ ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।

सौरभ पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के जूनियर के रूप में सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं। वे सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने 20 साल प्रैक्टिस की है। उन्होंने यूनाइटेड नेशंस के साथ भी काम किया है। सौरभ कृपाल ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। वहीं उन्होंने ग्रेजुएशन में लॉ की डिग्री ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ली है। पोस्टग्रेजुएट (लॉ) कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से किया है। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने दो दशक तक प्रैक्टिस की है। वहीं उन्होंने यूनाइटेड नेशंस के साथ जेनेवा में भी काम किया है।