यदि गड़बड़ी मिली तो बिहार SIR रद्द हो जाएगा: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानि कि SIR मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बिहार में चल रहे इस SIR के दौरान चुनाव आयोग की ओर से किसी भी तरह की गैरकानूनी प्रक्रिया अपनाई गई है, तो पूरा SIR को रद्द किया जा सकता है।कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई और अंतिम बहस के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि SIR पर कोर्ट का यह फैसला सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं होगा, बल्कि देशभर में चलने वाली सभी SIR अभियानों पर लागू होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट मानता है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और वह कानून व नियमों का पालन कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सोमवार को आदेश दिया था कि बिहार में चल रही मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के दौरान आधार कार्ड को भी 12वें वैध दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश उस समय दिया था जब कोर्ट में शिकायतें आई थीं कि चुनाव अधिकारियों ने आधार कार्ड को मानने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की आपत्ति खारिज करते हुए कहा कि आधार नागरिकता का सबूत नहीं है, लेकिन पहचान और निवास का प्रमाण जरूर है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।