सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़े सभी के लिए हमेशा खुले हैं : चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़
- महेश गुप्ता
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा 'मैं संविधान दिवस के मौके पर भारत के नागरिकों से ये कहना चाहता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले हैं और आगे भी खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसी को कभी भी कोर्ट आने से डरने की जरूरत नहीं है, न्यायपालिका के प्रति आपकी आस्था हमें प्रेरित करती है, आपका विश्वास हमारा श्रद्धा स्थान है' चीफ जस्टिस ने दो नए पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा भी की। देशभर में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस खास मौके पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें चीफ़ जस्टिस ने यह कहा।
संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में e-SCR portal का हिंदी वर्जन लॉन्च किया गया। चीफ जस्टिस चन्द्रचूड़ ने बताया कि 21 हजार 388 जजमेंट का हिंदी में अनुवाद कर उन्हें इस पोर्टल पर अपलोड किया है, बाकी जजमेंट के हिंदी अनुवाद को भी जल्द अपलोड कर दिया जाएगा। करीब 9276 फैसलों का पंजाबी, तमिल, गुजराती, मराठी, तेलुगू, ओड़िया, मलयालम, बंगाली, कन्नड़, उर्दू, नेपाली असमिया जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कर e-SCR पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
चीफ जस्टिस ने बताया कि जल्द ही FASTER 2.0 नाम के एक नए पोर्टल को भी लॉन्च किया गया है, जिसके जरिए किसी भी कैदी की रिहाई का आदेश तुरंत जेल अधिकारियों, ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट तक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पहुंचेगा ताकि उस पर जल्द से जल्द अमल हो सके और उस व्यक्ति की समय पर रिहाई सुनिश्चित की जा सके। चीफ जस्टिस ने कहा कि पिछले 7 दशकों में सुप्रीम कोर्ट ने खुद को देश की आम जनता की अदालत के रूप में स्थापित किया है. लोग इस उम्मीद में कोर्ट आते हैं कि उन्हें इंसाफ मिलेगा. लोग अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए, गैर कानूनी तरीके से हुई गिरफ्तारी से बचने, बंधुआ मजदूर, आदिवासियों के अधिकारों का हनन रोकने के लिए, कार्यस्थलों पर यौन शोषण को रोकने के लिए, साफ पानी, साफ हवा का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट आते हैं।