दिल्ली शराब कथित घोटाला मामले में आम आदमीं पार्टी के नेता संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से 6 महीने के बाद अब जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगा और इस जमानत को मिसाल नहीं माना जाएगा. ईडी ने भी जमानत का विरोध नहीं किया और कहा कि उन्हें जमानत दी जा सकती है। अब संजय सिंह राजनीतिक गतिविधियां कर सकेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में संजय सिंह के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुख्य गवाह दिनेश अरोड़ा ने पहले अपने 9 बयानों में संजय सिंह का नाम नहीं लिया था। संजय सिंह को डेढ़ साल बाद गिरफ्तार किया गया। सिंघवी ने कोर्ट में कहा था कि अप्रूवर की गवाही तब तक विश्वसनीय नहीं होती, जब तक उसकी पुष्टि न हो जाए. 19 जुलाई 2023 को अप्रूवर बने दिनेश अरोड़ा के बयान में पहली बार संजय सिंह का नाम आया। यहां तक कि धारा 164 के तहत दर्ज बयान में भी नाम नहीं लिया था। संजय सिंह ने ईडी के खिलाफ मानहानि शिकायत की, और फिर ईडी ने बिना किसी समन के उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया था।


दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछली 7 फरवरी को संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई शुरू होने पर इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया था। संजय सिंह दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने संजय सिंह को मामले में 4 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किया था।

ग़ौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी दिल्‍ली शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में पहुंच गए हैं। संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और के. कविता पहले से ही इस मामले में जेल में कैद हैं। केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वह 10 दिनों तक उसकी हिरासत में रहे। प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें निचली अदालत में पेश किया गया था, जहां से अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में भेज दिया था।