Fresh FIR against Republic TV for inciting ‘disaffection’ among Mumbai Police
- Mahesh Gupta
The fourth FIR registered against Republic TV channel and its employees by the Mumbai police for allegedly defaming the Mumbai police and trying to cause “disaffection” among members of the police force. The FIR filed under Section 3(1) of the Police (Incitement to Disaffection) Act, 1922, along with IPC Section 500 (defamation).
लखीमपुर हिंसा की जाँच निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने की रिटायर्ड जस्टिस की नियुक्ति
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा मामले की जाँच की निगरानी के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया है।इसके अलावा एसआईटी में एक महिला समेत तीन वरिष्ठ आईपीएस की नियुक्ति होगी। यह अधिकारी एसबी शिरोडकर, प्रीतिंदर सिंह और पद्मजा चौहान होंगे।
लोन मोरेटोरियम अवधि मैं बैंक लोन में ब्याज पर वसूला गया ब्याज वापस होगा
- महेश गुप्ता
कोराना संकटकाल में बैंक लोन की किश्तों की अदायगी के मामले में वित्त मंत्रालय ने लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज में छूट के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत 1 मार्च से 31 अगस्त तक की लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के लोन वाले ग्राहकों से वसूला गया ब्याज पर ब्याज वापस किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने को कहा था
देश को जल्द मिल सकता है हाईकोर्ट का पहला समलैंगिक जज
- महेश गुप्ता
देश को जल्द पहला समलैंगिक जस्टिस मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस बी.एन. किरपाल के बेटे वकील सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 11 नवंबर को आयोजित बैठक में यह सिफारिश की।
दिल्ली की अदालतों में फिजिकल हियरिंग की मांग को लेकर वकीलों का प्रदर्शन
- अमरजीत सिंह माकन
कोराना काल के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली की जिला अदालतों में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए चल रही वर्चुअल हियरिंग को समाप्त करके फिर से फिजिकल हियरिंग शुरु करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट और जिला अदालतों के वकीलों ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को ज्ञापन दिया
लखीमपुर खीरी केस की जांच की प्रगति को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज़
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी को लेकर बड़ा संकेत दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच की प्रगति को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की और कहा कि जांच हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस पर विचार कर रहा है कि मामले की छानबीन पर हाई कोर्ट के रिटायर जज मॉनिटर करें।
कंगना रनौत पर राजद्रोह का केस दर्ज करने के लिए एक और याचिका
- अनीशा गर्ग
मुंबई की अदालत में अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने की मांग को लेकर एक और याचिका दायर हो गई है। याचिका में कोर्ट से कंगना रनौत पर राजद्रोह के अपराध और दो धर्मों के बीच सांप्रदायिक तनाव भड़काने की दफाओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई होगी। कंगना रनौत के खिलाफ यह याचिका मुंबई की अंधेरी कोर्ट में अर्जी दायर की गई है
वसीयत को किसी आपसी समझौते के जरिए रद्द नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
- महेश गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में कहा है कि एक वसीयत को किसी आपसी समझौते के जरिए रद्द नहीं किया जा सकता है, इसे केवल भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा-70 के तहत बताए गए तरीकों के अनुसार ही रद्द किया जा सकता है।
भ्रष्टाचार की 'पे-ऑफ' सिस्टम अदालत के लिए भी पहेली
- एन के सिंह
भारत भ्रष्टाचार की नयी ऊंचाइयाँ छूने लगा है. एक मुख्यमंत्री अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगता है और हिमाकत यह कि अपने 8 पेज के आरोप पत्र को सीजेआई को भेजने के साथ हीं मीडिया को भी दे देता है. स्वतंत्र भारत में देश की सबसे बड़ी अदालत की गरिमा पर यह दूसरी बार आंच आयी है। पहली बार जनवरी, 2018 को तब जब सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ 4 जजों ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महत्वपूर्ण मामलों को खास जजों की एक बेंच को सौंपने का आरोप लगाया था.
समलैंगिक जोड़े के विवाह को कानूनी मान्यता की मांग, दिल्ली हाई कोर्ट में 30 नवबंर को सुनवाई
- आशीष
समलैंगिक जोड़े के विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में 30 नवंबर को सुनवाई होगी। हाई कोर्ट ने समलैंगिक जोड़ों की उन दो याचिकाओं सहित अलग-अलग याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के लिए 30 नवंबर को सूचीबद्ध कर दिया है, जिनमें विशेष विवाह अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम और विदेशी विवाह कानूनों के तहत समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध किया गया है। चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बैंच ने मामले में पक्षकारों को जवाब और प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया और इसे 30 नवंबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।